Delhi-Meerut Rapid Rail Name: दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर शुरू होने वाली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) हाई-स्पीड रेल सेवा को अब रैपिडेक्स (Rapidex) के नाम से जाना जाएगा. मंगलवार को एनसीआरटीसी (NCRTC) ने पहली रीजनल रेल सेवा का नामकरण किया है. अधिकारी के अनुसार एनसीआरटीसी 2025 तक दिल्ली-मेरठ कोरिडोर को जनता के लिए चालू करने का लक्ष्य बना रही है. इससे पहले 2023 में साहिबाबाद (Sahibabad) और दुहाई के बीच करीब 17 किलोमीटर लंबे प्राइमरी सेक्शन पर रैपिडेक्स को शुरू किया जाएगा.


रैपिडेक्स रेल सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर पर ही चलेंगी. प्रमुख रूप से यह दिल्ली-एनसीआर में प्रमुख शहरी स्थलों को आपस में जोड़ने में कारगर साबित होगी. अधिकारी के अनुसार ब्रांड का नाम आसानी से समझने और पढ़ने में सुविधाजनक हो, इसी उद्देश्य से रैपिडेक्स नाम दिया गया है. अधिकारी के अनुसार रैपिड नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों की ओर से अपनी यातायात प्रणाली के रूप में पहचाना जाता है.


डिपो पर सौर ऊर्जा पैनलों की भी हो रही स्थापना


अधिकारी ने कहा कि गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में एक्स अगली पीढ़ी को, प्रौद्योगिकी और नए युग को दर्शाता है. अधिकारी ने कहा कि एनसीआरटीसी स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा पैनलों की स्थापना भी की जा रही है. इससे वातावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जाए. गौरतलब है कि पहले आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ पर रैपिडेक्स सेवाएं 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर प्रदान की जाएंगी.


हर पांच से दस मिनट के अंतराल में चलेगी ट्रेन


बता दें कि दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं. रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रतिघंटा होगी. यानी इस ट्रेन से यात्री एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर सकेंगे. वहीं हर पांच से दस मिनट के अंतराल में ये ट्रेन स्टेशन से चलेगी.


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