Delhi-NCR News: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर (Delhi-Meerut RRTS) के पहले खंड में साहिबाबाद से दुहाई (Sahibabad-Duhai) के बीच 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रैपिड रेल का उद्घाटन करेंगे. वहीं 82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के जून 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसके बाद दिल्ली से मेरठ पहुंचने में बहुत ही कम समय लगने वाला है. एनसीआरटीसी का दावा है कि ये भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.


आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे. एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा तो रोजाना 8 लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे. दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रूट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है. गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया गया है.


बनने वाले हैं कुल आठ कॉरिडोर


सरकार ने ऐसी ही आठ लाइन की पहचान की है, जिनका विकास आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा. फर्स्ट फेज में तीन कॉरीडोर का निर्माण एनसीआरटीसी करेगी. ये होंगे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत. इसके अलावा अन्य कॉरिडोर में दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लबगढ़-पलवल, गाजियाबाद-खुर्जा, दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक, गाजियाबाद-हापुड़, दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत शामिल हैं.


एनसीआर का बढ़ेगा दायरा


माना जा रहा है कि इन कॉरिडोर के शुरू होने से एनसीआर का दायरा बढ़ेगा. साल 2018 में एनसीआर का क्षेत्र बढ़ाया गया था. इसमें हरियाणा के महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, करनाल और जींद जिलों को एनसीआर में शामिल किया गया था. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली और राजस्थान के भरतपुर जिले को भी एनसीआर में शामिल किया गया था. अब रैपिड रेल के चलने से राजधानी दिल्ली से मेरठ तक पहुंच आसान हो जाएगी. ऐसे में एनसीआर का दायरा और बढ़ेगा. गौरतलब है कि अभी एनसीआर का दायरा 150-175 किमी तक है.


सिर्फ 55 मिनट की रह जाएघी दिल्ली से मेरठ की दूरी


रैपिडएक्स ट्रेन के चलने के बाद दिल्ली से मेरठ तक 82.5 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 55 मिनट में पूरी हो जाएगी. इसका मतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में काम करने वाले लोग जो रोजाना आने-जाने में अपने कई घंटे खर्च करते हैं, वो मात्र 55 मिनट में दिल्ली पहुंचे सकेंगे. नोएडा-ग्रेटर नोएडा या फिर गुरुग्राम से दिल्ली पहुंचने में लगभग आधे घंटे तक का समय लग जाता है. वहीं इतने ही समय में रैपिड रेल के जरिए इससे ज्यादा दूरी तय हो जाएगी.


ट्रेन में होंगी ये सुविधाएं


स ट्रेन में सुविधाएं भी हवाई जहाज जैसी होने वाली हैं. ट्रेन में मोबाइल और यूएसबी चार्जर का इंतजाम होगा. इसके साथ ही ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम भी लगाया गया है. ट्रेन में बड़ी-बड़ी खिड़कियां होने से बाहर का नजारा भी आसानी से देख सकेंगे. डायनेमिक रूट मैप और इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी अन्य सुविधाएं भी इस ट्रेन में मौजूद रहेंगी.


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