Metro Feeder Bus: दिल्ली में डीटीसी बसों के अलावा मेट्रो की तरफ से भी बसें चलाई जाती हैं. लेकिन डीटीसी बसों की तरह मेट्रों की फीडर बसें फायदे में नहीं, बल्कि यह बसें घाटे में चल रही हैं. दरअसल मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा देने के लिए सड़क पर उतारी गई इलेक्ट्रिक एसी फीडर बसों में ज्यादा यात्री सफर नहीं करते. इस वजह से फीडर बसें घाटे में चल रही हैं.
अतिरिक्त फीडर बसें नहीं खरीदेगा
बता दें कि 100 इलेक्ट्रिक मेट्रो फीडर बसों का बेड़ा पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) अतिरिक्त फीडर बसें नहीं खरीदेगा. ये 100 बसें भी दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के अधीन आ जाएंगी. डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए साल के अंत तक दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों से 663 ई-ऑटो के परिचालन की शुरुआत की जाएगी.
बसों में 50 प्रतिशत कम यात्री
मौजूदा समय में डीएमआरसी 56 इलेक्ट्रिक फीडर बसों का परिचालन कर रहा है. ये फीडर बसें चार रूटों पर चल रही हैं, जो कश्मीरी गेट, शास्त्री पार्क, ईस्ट विनोद नगर, दिलशाद गार्डन, जीटीबी नगर, गोकलपुरी, लक्ष्मी नगर, आनंद विहार और विश्वविद्यालय मेट्रों स्टेशनों से मिलती हैं. इसके अलावा 46 इलेक्ट्रिक फीडर बसें जल्द बेड़े में आने वाली हैं. वहीं मौजूदा फीडर बसों में क्षमता से 50 प्रतिशत कम यात्री सफर करते हैं. विकास कुमार ने आगे कहा कि डीएमआरसी ने राज्य सरकार से फीडर बसों को अपने अधीन लेने की सिफारिश की है. इन बसों का इस्तेमाल फीडर सेवा के साथ ही सिटी बस सेवा के रूप में भी हो सकेगा.
ई-रिक्शा का इस्तेमाल करना चाहता है DMRC
प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने कहा कि डीएमआरसी ई-रिक्शा का इस्तेमाल अधिक करना चाहता है. समस्या यह है कि ई-रिक्शा दिल्ली में कई जगहों पर प्रतिबंधित हैं. डीएमआरसी ने हाल ही में ई-ऑटो को स्वीकृति दी है. अगस्त में द्वारका सेक्टर नौ मेट्रो स्टेशन से 50 ई-ऑटो की सुविधा शुरू हो जाएगी. इसके बाद द्वारका के विभिन्न स्टेशनों से 136 ई-ऑटो का परिचालन होगा. इसके बाद विभिन्न स्टेशनों से ई-ऑटो की सुविधा शुरू की जाएगी.
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