Driverless Delhi Metro: सिंगापुर, शंघाई, दुबई और क्वॉलालंपुर समेत दुनिया के कई बड़े शहरों के बाद राजधानी दिल्ली भी अब दुनिया के उन शहरों में शामिल हो गयी है, जहां ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेनें चलती हैं. दरअसल सोमवार से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का ऑपरेशन लागू कर दिया गया है.


जिसके बाद अब दिल्ली में भी मेट्रो ट्रेन को मैन्युअली ट्रेन के अंदर बैठ कर नहीं बल्कि कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (CBTC) एंड सिग्नलिंग सिस्टम की मदद से दिल्ली मेट्रो के ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर में बैठकर ऑपरेट किया जा रहा है.


पहले से अधिक यात्री कर सकेंगे सफर
फेज 3 में बनी  37 किमी लंबी और 25 स्टेशनों वाली मैजेंटा लाइन दिल्ली मेट्रो का पहला रूट है, जो पूरी तरह से ड्राइवरलेस ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित किया जा रहा है. मैजेंटा लाइन के बाद फेज 3 के पिंक लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेन का संचालन शुरू किया जाना है. वर्तमान में मैजेंटा लाइन को छोड़ कर अन्य लाइन पर चलने वाली सभी मेट्रो ट्रेनों के दोनों छोर पर लगे आखिरी कोच में ड्राइवर केबिन बने हुए है, जिनमें बैठकर ड्राइवर ट्रेन को मैनुअल तरीके से संचालित करते हैं. 


लेकिन मैजेंटा लाइन में अब ड्राइवरलेस ट्रेनों के संचालन की शुरुआत के बाद, इस लाइन पर चलने वाली 29 ट्रेनों में लगे ड्राइवर केबिन को हटा दिया गया है. कोच की छत पर खास तरह के कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से ट्रेन के अंदर और बाहर के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है.


सफर के दौरान मिल रहा यह नया और अनोखा अनुभव
ट्रेन ड्राइवर के केबिन हटने से ट्रेनों में यात्रियों के लिए अतिरिक्त जगह भी बन गई है. हालांकि, इस जगह पर सीटें नहीं लगाई है, गई लेकिन यहां पर यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकेंगे. ड्राइवर केबिन हटने से अब पहले की तुलना में अतिरिक्त 50 यात्री मजेंटा लाइन की ट्रेनों में सफर कर सकेंगे. सफर के दौरान यात्री आखिरी कोच में खड़े होकर बाहर मेट्रो ट्रैक भी देख सकेंगे वहीं, सामने वाली कोच में सवार यात्री साथ की ट्रैक पर सामने से आ रही ट्रेनों को गुजरते देख सकेंगे. यह मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव है.


52 ड्राइवरलेस तैयार करेगी डीएमआरसी
डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया की फेज-3 में डीएमआरसी ने मैजेंटा और पिंक इन दोनों ही लाइनों पर CBTC सिस्टम लागू किया था. फेज-4 में इन दोनों ही लाइनों को एक्सीडेंट किया जा रहा है. साथ ही तुगलकाबाद और एयरोसिटी के बीच बन रहे नए कॉरिडोर पर भी इसी सिस्टम को लागू किया जाएगा. इसके लिए डीएमआरसी 312 नए मेट्रो कोच खरीदने जा रही है ताकि 52 ड्राइवरलेस ट्रेन तैयार की जा सके.


 डीएमआरसी का दावा है कि कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मेट्रो ट्रेन परिचालन के लिए ज्यादा सुरक्षित और सटीक सिस्टम साबित होगा. जरूरत पड़ने पर इसकी मदद से 90 सेकंड के अंतराल पर भी ट्रेनें चलाई जा सकेगी.


परिवार ने कहा नेपाल से दिल्ली घूमने आए 
नए युग की नई तकनीकियों से लैस इस मैट्रो में सफर कर रहा एक परिवार जो नेपाल से भारत घूमने आया था उन्होंने एबीपी लाइव की टीम को बताया कि पहले ड्राइवर द्वारा मेट्रो चल रही थी लेकिन वैगैर ड्राइवर का मेट्रो सफर करने में थोड़ी हिचकिचाहट हो रही है क्योंकि तकनीकी में कभी भी खराबी आ सकती है. अगर केबिन में ड्राइवर मौजूद रहेगा तो किसी भी प्रकार की परेशानी होगी तो तुरंत एक्शन लेते हुए उसे ठीक कर सकता है या सहयोग मांग सकता है. 


लेकिन अब तो ड्राइवर के वैगैर ही ट्रेन पटरी पर दौड़ रही है. अनुभव अच्छा है हमनें कभी सोचा भी नही था कि भारत मे इस तरह की मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी. उन्होंने आगे कहा की हमलोगों ने भरपूर तस्वीर खिंचवाई है और अपने देश में मौजूद लोगों के बीच इस अत्याधुनिक मेट्रो की चर्चा करेंगे.


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