(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन पर पहली स्वदेशी विकसित सिग्नलिंग प्रणाली का किया शुभारंभ, जानिए क्या है i-ATS
Delhi News: रेड लाइन से शुरू करते हुए आई-एटीएस प्रणाली को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालित कॉरीडोर के साथ फेज-4 परियोजना के विभिन्न कॉरीडोर में भी प्रयोग किया जाएगा.
Delhi Metro: रेल आधारित मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) के क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो ने आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. भारत में बनी पहली ट्रेन कंट्रोल एवं सुपरविजन सिस्टम, आई-एटीएस (i-ATS) (स्वदेशी- ऑटोमैटिक ट्रेन सुपरविजन) का मेट्रो की रेड लाइन पर शुभारंभ किया गया. भारत की पहली सिग्नलिंग प्रणाली को डीएमआरसी और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहल के तहत संयुक्त रूप से विकसित किया है.
इस उपलब्धि के साथ भारत ने कुछ देशों की विशिष्ट सूची में छठे देश के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया है जिनका अपना एटीएस सिस्टम है. उद्घाटन, परिचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी), शास्त्री पार्क में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी, दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने किया.
पहली स्वदेशी सिग्नलिंग प्रणाली आई-एटीएस का शुभारंभ
रेड लाइन से शुरू करते हुए आई-एटीएस प्रणाली को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालित कॉरीडोर के साथ फेज-4 परियोजना के विभिन्न कॉरीडोर में भी प्रयोग किया जाएगा. आई-एटीएस की मदद से प्रिवेंटिव मेंटेनेंस मॉड्यूल को फेज-4 परियोजना के कॉरीडोर में लागू किया जाएगा. तकनीक को विभिन्न सिगनलिंग वेंडर सिस्टम में उपयुक्त आंशिक परिवर्तन कर विकसित किया गया है.
आई-एटीएस का विकास मेट्रो रेलवे के लिए स्वदेशी निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) आधारित सिग्नलिंग प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम है. कम्प्यूटर आधारित ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन सिस्टम ट्रेन संचालन का प्रबंध करती है. सीबीटीसी (CBTC) जैसी प्रौद्योगिकी प्रणालियां मुख्य रूप से बाहरी देश नियंत्रित करते हैं. आई-एटीएस का इस्तेमाल ऐसी तकनीक मुहैया कराने वाले विदेशी वेंडर पर भारतीय मेट्रो की निर्भरता को काफी कम कर देगी.
मेक इन इंडिया- आत्म निर्भर भारत पहल के तहत विकास
बता दें कि मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत पहल के तहत, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने सीबीटीसी (CBTC) तकनीक को स्वदेशी बनाने का फैसला किया था. डीएमआरसी के साथ-साथ आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और आरडीएसओ (RDSO) विकास का हिस्सा रहे हैं. प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीएमआरसी और बीईएल ने नवंबर, 2022 में एमओयू पर हस्ताक्षर किया था.
डीएमआरसी और बीईएल की समर्पित टीम ने परिचालन तकनीक तैयार करने के लिए एक साथ मिलकर काम किया. साइट की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में एक पूर्ण विकसित आई-एटीएस लैब स्थापित की गई है जिसे सीबीटीसी(CBTC) प्रणाली के विकास के लिए उन्नत किया जा रहा है.