Delhi Metro News: दिल्ली सरकार ने जनकपुरी-आर के आश्रम मेट्रो कॉरीडोर निर्माण के लिए डेरावल नगर से 316 पेड़ों को हटाने या प्रतिरोपित करने की दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना से ब्लू लाइन पर आरके आश्रम स्टेशन को मेजेंटा लाइन स्थित जनकपुरी पश्चिम स्टेशन से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा.


मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘डेरावल नगर का एक पार्क जनकपुरी-आरके आश्रम मेट्रो कॉरीडोर के रास्ते में आ रहा था. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने इस स्थान से पेड़ों को हटाने की मंजूरी मांगी. यह मांग लंबे समय से अटकी हुई थी.’’


Delhi Corona Update: कोरोना के 118 नए मामले, DDMA ने बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए जारी की एडवाइजरी


मुख्यमंत्री  ने 131 पेड़ों को गिराने की परमिशन दी
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 131 पेड़ों को गिराने और 185 को अन्य स्थानों पर प्रतिरोपित करने की अनुमति इस शर्त पर दी है कि मुआवजे के तौर पर 3160 नये पेड़ लगाये जाएंगे.


मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमने आज जनकपुरी और आरके आश्रम के बीच एक नये मेट्रो कॉरीडोर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. डीएमआरसी को परियोजना में बाधा डालने वाले 316 पेड़ों को हटाने और प्रतिरोपित करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते वह हटाये या प्रतिरोपित किये जाने वाले पेड़ों के बदले 3160 नये पेड़ लगाए.’’


यह कॉरीडोर दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का हिस्सा
उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह कॉरीडोर दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का हिस्सा है. इसके साथ, दिल्ली के एक अन्य प्रमुख हिस्से में अब मेट्रो तक पहुंच और अधिक आसान होगी. सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच किसी भी आधुनिक शहर की जीवन रेखा होती है. इससे लोगों को स्वच्छ परिवहन और अपने वाहन से यात्रा न करने का विकल्प चुनने में मदद मिलेगी.’’


उनतीस किलोमीटर लंबे इस कॉरीडोर पर मेट्रो आर के आश्रम, नबी करीम, सदर बाजार, पुलबंगश, घंटा घर, डेरावल नगर, अशोक विहार, आजादपुर, मजलिस पार्क, भलस्वा, हैदरपुर बादली मोड़, पीतमपुरा उत्तर, प्रशांत विहार, मधुबन चौक, दीपाली चौक, पुष्पांजलि एन्क्लेव, पश्चिम एन्क्लेव, मंगोलपुरी, पीरागढ़ी, पश्चिम विहार, केशोपुर, कृष्णा पार्क एक्सटेंशन और जनकपुरी वेस्ट सहित दिल्ली के कई घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगी. .


दिल्ली सरकार की ओर से मंजूर किये गये प्रस्ताव के अनुसार, पेड़ों के गिराये जाने के मुआवजे के तौर पर नीम, अमलतास, पीपल, पिलखान, गुलर, बरगद, देसी कीकर सहित विभिन्न प्रकार के स्वदेशी प्रजाति के पेड़ लगाये जाएंगे.