Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो से सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, फेज-4 के लिए 4 किलोमीटर का एलिवेटेड वायाडक्ट तैयार
मजलिस पार्क से शुरू होकर मुकरबा चौक तक चार किलोमीटर के बायाडक्ट तैयार कर लिया है. यह चौथे चरण के जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर मजलिस पार्क और भलस्वा मेट्रो स्टेशनों को जोड़ता है.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मजलिस पार्क से शुरू होकर मुकरबा चौक तक चार किलोमीटर के बायाडक्ट तैयार कर लिया है. यह चौथे चरण के जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर मजलिस पार्क और भलस्वा मेट्रो स्टेशनों को जोड़ता है. एलिवेटेड वायाडक्ट पर अब ट्रैक बिछाया जाएगा और बिजली की तारें लगाई जाएंगी. ओवरहेड विद्युतीकरण (ओएचई) के खंबों को लगाने के बाद यहां सिग्नलिंग का कार्य शुरू होगा. हैदरपुर बादली तक वायाडक्ट का स्ट्रक्चलर कार्य भी जल्द ही पूरा होने के आसार हैं, क्योंकि रेलवे ट्रैक के ऊपर बस एक क्रॉसिंग ही बची है.
यातायात को बाधित किए बिना किए जा रहे हैं निर्माण कार्य
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि. एलिवेटेड का यह हिस्सा अब ट्रैक बिछाने और ट्रैक्शन वर्क से जुड़े कामों के लिए ठेकेदारों को सौंपा जा रहा है, जिसमें ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) मास्ट आदि का निर्माण कार्य भी शामिल होगा. हैदरपुर बादली मोड़ तक वायाडक्ट बनने का काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि यहां रेलवे ट्रैक के ऊपर बस एक क्रॉसिंग ही बची है, जिसे पार करने के लिए वायाडक्ट बनना है. दयाल ने कहा कि डीएमआर के इंजीनियरों के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इस कॉरिडोर पर कोरोना काल के बीच निर्माण कार्य शुरू हुआ था. महामारी की वजह से निर्माण कार्य बाधित भी हुआ. अब इस कॉरिडोर के निर्माण कार्य को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सबसे बड़ी और खास बात है कि यह सभी कार्य सड़क पर चल रहे यातायात को बाधित किए बिना किए जा रहे हैं.
टनल बनाने के काम पर चौबीस घंटे डिजिटल तरीकों से निगरानी
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक ने बताया कि जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर का निर्माण कार्य जब पूरी रफ्तार से चल रहा है. कॉरिडोर के अंडरग्राउंड सेक्शन पर जनकपुरी वेस्ट और कृष्ण पार्क एक्स्टेशन के बीच 2.2 किमी लंबे सुरंग बनाने का काम पूरा किया जा चुका है. शुक्रवार को ही डेरावल नगर से पुल बंगश के बीच सुरंग की खुदाई के लिए एक और टनल बोरिंग मशीन उतारी गई है. यह टीबीएम ड्राईव नजफगढ़ नाले के पास 25.9 मीटर तक की गहराई तक जाएगी, जिसका व्यास 5800 मीटर होगा. टनल बनाने के काम पर चौबीस घंटे नए डिजिटल तरीकों से निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि सतह के ऊपर बहुत सारी पुरानी इमारतें भी है.
बता दें कि फेज-4 में मेट्रो के विस्तार के तहत डीएमआरसी तीन अलग-अलग कॉरिडोर पर 65 किमी की नई लाइनों के निर्माण कार्य में लगा हुआ है.