Delhi Metro Deployed i-ATS System: दिल्ली मेट्रो आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. अपने इस प्रयास में एक दिन पहले यानी शनिवार को दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) ने एक और कीर्तिमान स्थापित करने में सफलता हासिल की है. अब देश में विकसित भारत (India) की पहली सिग्नलिंग प्रणाली (I-ATS) के आधार पर दिल्ली मेट्रो ने पहले कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू कर दिया है. अभी इसकी शुरुआत रेड लाइन पर रिठाला से शहीद स्थल तक के लिए की गई है. केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने 18 फरवरी को शास्त्री पार्क में इस प्रणाली का उद्घाटन किया.
मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए स्वदेशी सिग्नलिंग प्रणाली (ट्रेन कंट्रोल एवं सुपरविजन सिस्टम) को डीएमआरसी (DMRC) और बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत संयुक्त रूप से विकसित किया है. अपनी इस उपलब्धि के साथ ही भारत एटीएस सिस्टम विकसित करने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है.
सभी कॉरिडोर में होगा i-ATS का इस्तेमाल
स्वदेशी सिग्नलिंग सिस्टम के तहत मेट्रो का परिचालन शुरू होने के बाद डीएमआरसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक रेड लाइन से शुरुआत करने के बाद अब आई-एटीएस प्रणाली को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालित कॉरिडोर के साथ फेज-4 परियोजना के अलग कॉरिडोर में भी इस्तेमाल किया जाएगा. इतना ही नहीं, आई-एटीएस की मदद से प्रिवेंटिव मेंटिनेंस मॉडयूल को फेज-4 परियोजना के कॉरिडोर में भी लागू किया जाएगा. इसके अलावा, आई-एटीएस को इंडियन रेल के परिचालन में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
क्या है I-ATS
स्वदेशी तकनीक के आधार पर निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) सिग्नलिंग प्रणाली यानी आई-एटीएस को मेट्रो के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. एटीएस (स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) सीबीटीएस सिग्नलिंग प्रणाली की एक अहम उप प्रणाली है. एटीएस एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो ट्रेन संचालन का प्रबंधन करती है. आई-एटीएस के उपयोग से आने वाले समय में ऐसी तकनीक मुहैया कराने वाले विदेशी वेंडर पर भारतीय मेट्रो की निर्भरता काफी कम होगी. बता दें कि इस प्रोजक्ट को आगे बढ़ाने के लिए डीएमआरसी और बीईएल ने नवंबर 2022 में एक एमओयू पर साइन किए थे. डीएमआरसी और बीईएल की एक टीम ने परिचालन तकनीक तैयार करने के लिए एक साथ मिलकर काम किया. साइट की जरूरतों को पूरा करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में एक पूर्व विकसित आई-एटीएस लैब स्थापित की गई है. इसे सीबीटीसी विकास प्रणाली के विकास के लिए डिवेलप किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: 14 साल की नाबालिग से 2 महीने तक तांत्रिक ने किया रेप, बच्ची के प्रेग्नेंट होने पर हुआ मामले का खुलासा