Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो ने अपने दो दशक से ज्यादा काल के इतिहास में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. यही वजह है कि मेट्रो सेवा को दिल्ली की 'लाइफलाइन' माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान डीएमआरसी (DMRC) प्रबंधन ने आय का स्रोत बढ़ाने के लिए स्टेशन परिसर के अंदर काफी संख्या में दुकान अलॉट किए हैं, जिससे मेट्रो स्टेशनों की खूबसूरती जो लोगों को आकर्षित करती थीं, वो अब बदसूरत नजर आने लगे हैं. यही वजह है​ कि सोशल मीडिया यूजर्स डीएमआरसी के प्रबंधक डॉ. विकास कुमार  को नसीहत तक देने लगे हैं.


दरअसल, दो अक्टूबर को गांधी जयंती है. इस अवसर पर सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियां स्वच्छता अभियान चलाती हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी ने अपने एमडी डॉ. विकास कुमार का एक वीडियो संदेश जारी किया है. उनके उसी वीडियो संदेश को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स अब उन्हें खरी खोटी सुना रहे हैं. 






DMRC एमडी के मैसेज में क्या है?


दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी विकास कुमार एक्स पोस्ट पर एक वीडियो में स्वच्छता को लेकर संदेश देते नजर आते हैं. उन्होंने 'स्वच्छता ही सेवा 2024' अभियान के उपलक्ष्य पर कहते नजर आ रहे हैं कि दिल्ली मेट्रो हमेशा अपने स्टेशनों और मेट्रो परिसरों की साफ सफाई पर ध्यान केंद्रित करती है. दिल्ली मेट्रो के पास नियमित सफाई और एक समर्पित टीम है. मेट्रो का लक्ष्य सभी के लिए एक सुरक्षित और सुखद वातावरण प्रदान करना है. 


उन्होंने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया है कि सभी मेट्रो स्टेशन परिसरों में जगह जगह स्टैंडिंग और हैंगिंग डस्टबिन लगाए जाने की बेहद जरूरत है. वरना, सभी मेट्रो स्टेशन धीरे धीरे फूड ज्वाइंट्स की वजह से कचरा पेटी बन जाएंगे. जहां, इधर उधर खाली बोतल, केन व अन्य वेस्ट दिखाई देंगे. ये आज की असली सच्चाई है.


हालातों का जायजा क्यों नहीं लेते मेट्रो अधिकारी?


उनके इस संदेश के जवाब में एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है, 'इनको कभी कभी चुपचाप बिना अपनी पहचान बताए, मेट्रो परिसरों और प्लेटफार्मों के हालातों का जायजा लेना चाहिए. डीएमआरसी ने पैसे के लालच में हरेक स्टेशन पर खाने के खोखे दर खोखे खोलते जा रहे हैं. इन खोखों की वजह से जिधर देखो उधर ही चुपचाप खाने पीने का खाली सामान फेंका या छुपाया जा रहा है. अब तो इन्हें मेट्रो स्टेशनों पर हैंगिंग डस्टबिन लगाने चाहिए. 


सोशल मीडिया यूजर आगे लिखा है कि ऐसा न किया गया तो सभी मेट्रो स्टेशन धीरे धीरे फूड ज्वाइंट्स की वजह से कचरा पेटी बन जाएंगे.


'खानें पीने की दुकानें बड़ी चुनौती'


एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने अफसोर जाहिर करते हुए लिखा है कि लगभग सभी मेट्रो स्टेशनों के आसपास अवैध खाने पीने की दुकानें और खाने-पीने के ठेले लगे दिखाई देते हैं. इससे गंदगी होती है और यात्रियों को असुविधा होती है. मेट्रो प्रशासन को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. 


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