Delhi: मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या रोकने के लिए DMRC की होती है ये तैयारी, क्या मृतक के परिवार को मिलता है मुआवजा?
डीएमआरसी (DMRC) प्रशासन ने कहा कि आत्महत्या करना बेहद दुखद है, लेकिन दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर इसको रोकने के लिए भी सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहते हैं. हर लेन पर दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है.
Delhi Metro News: बीते दिनों 24 घंटे में दिल्ली मेट्रो के सामने एक के बाद एक दो आत्महत्या की घटनाएं हुईं. इसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या अब दिल्ली मेट्रो स्टेशन एक नया सुसाइड प्वाइंट बन चुका है. वैसे इससे पहले भी दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर कई बार आत्महत्या करने के प्रयास किए गए. ऐसे में अब यह जानना भी काफी जरूरी है कि सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा से संपन्न दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर क्या डीएमआरसी (DMRC) की ओर से आत्महत्या को रोकने के लिए कुछ विशेष इंतजाम किए गए हैं? डीएमआरसी प्रशासन की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है कि सुरक्षाकर्मियों की तरफ से सभी मेट्रो स्टेशन पर ऐसे लोगों पर नजर रखी जाती है, जो सामान्य व्यक्तित्व से थोड़ा अलग नजर आते हैं.
डीएमआरसी प्रशासन की ओर से एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान यह बताया गया कि आत्महत्या करना बेहद दुखद है, लेकिन दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर इसको रोकने के लिए भी सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहते हैं. मेट्रो स्टेशन के प्रत्येक लेन पर दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है. इसके अलावा कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से यात्रियों पर भी नजर रखी जाती है, जिनके माध्यम से उनके हाव-भाव का पता चलता है.
मेट्रो स्टेशन पर दी जाती है ये हिदायत
प्लेटफार्म पर बने येलो लाइन से पहले यात्रियों को खड़ा रहने की विशेष हिदायत दी जाती है, लेकिन कम समय में किसी व्यक्ति द्वारा खुद को मेट्रो ट्रेन के सामने अगर ला दिया जाता है तो यह किसी के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण हालात होते हैं. वैसे इससे पहले अनेक बार मेट्रो स्टेशन पर होने वाली आत्महत्या की घटनाओं को रोका भी गया है. कुछ ही दिन पहले वैशाली में सीआईएसफ जवानों की मुस्तैदी की वजह से एक व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोका गया था और भी इससे जुड़े कई उदाहरण हैं.
क्या डीएमआरसी की तरफ से है मुआवजे का प्रावधान?
क्या आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार को डीएमआरसी की तरफ से मुआवजे का प्रावधान है? इस सवाल का जवाब देते हुए डीएमआरसी प्रशासन ने कहा, "ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, व्यक्ति अपने विवेक और जिम्मेदारी के साथ यह कदम उठाता है, जो समाज और कानून के खिलाफ है. इसके अलावा मेट्रो स्टेशन पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों की ओर से उन्हें रोकने का भी हरसंभव कोशिश की जाती है, लेकिन इसके बावजूद अनेक परिस्थितियों में यह बेहद मुश्किल है कि आत्महत्या पर आमादा व्यक्ति को समय रहते इस कार्य को करने से रोक दिया जाए.
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