Delhi Metro: कभी किसी मेट्रो स्टेशन पर पहुंचकर यात्रियों की संख्या को देखकर आपने सोचा है कि किस कोच (Coach) में जाना चाहिए ताकि कम भीड़ मिले है?  तो इसके लिए  दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) आपकी मदद करेगा. दरअसल इसके लिए डीएमआरसी (DMRC)  प्रत्येक कोच में यात्रियों की ऑक्यूपेंसी (Occupancy)  को एनालाइज करने और इसे प्लेटफॉर्म पर पैसेंजर इंफॉर्मेशनल डिस्प्ले सिस्टम (Passengers Information Display System) पर प्रदर्शित करने के लिए मैजेंटा लाइन पर ट्रायल शुरू कर दिया है.


लोगों को कोचों की ऑक्यूपेंसी स्टेट्स के बारे में जानकारी नहीं होती है


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डीएमआरसी (DMRC)  के प्रवक्ता ने कहा “हम कई सालों से देख रहे हैं कि यात्री बेतरतीब ढंग से कोच में चढ़ते हैं. भीड़भाड़ वाले कोच में सवार होने के बाद उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हालांकि संभव है कि उसी ट्रेन में अन्य डिब्बों में कम भीड़ हो लेकिन कोचों की ऑक्यूपेंसी स्टेट्स के बारे में उन्हें नहीं पता होता है.”वहीं उन्होंने कहा कि महामारी के कारण विभिन्न कोचों के ऑक्यूपेंसी स्टेट्स को डिस्प्ले करना अब काफी जरूरी हो गया है क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना महत्वपूर्ण है.


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मैजेंटा लाइन पर ऑक्यूपेंसी स्टेट्स डिस्प्ले का हो रहा ट्रायल


वर्तमान में, सभी मेट्रो स्टेशनों में, PIDS डिस्प्ले पर अगली ट्रेन को एक प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में कितना समय लगेगा ये दिखाया जाता है. वहीं ट्रायल के दौरान अब, मैजेंटा लाइन पर स्टेशनों पर लगे PIDS डिस्प्ले पर प्रत्येक कोच के ऑक्यूपेंसी स्टेट्स को दिखाया जा रहा है जिससे यात्रियों को यह पता लग जाए कि कौन से कोच कम भरे हुए हैं. वहीं योजना पर काम कर रहे एक अधिकारी ने कहा कि ऑक्यूपेंसी प्रतिशत की गणना एक सॉफ्टवेयर द्वारा की जाती है जो प्रत्येक कोच में भार का वजन निर्धारित करता है और इसकी तुलना एक खाली कोच के वजन से करता है.


पीआईडीएस पर डिस्प्ले होने वाले डाटा की हो रही स्क्रूटनी


डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि यदि ट्रायल सफल रहता है, तो दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर टेक्नोलॉजी को लागू किया जा सकता है. हालांकि मैजेंटा लाइन पीआईडीएस पर डिस्प्ले होने वाले डाटा अभी स्क्रूटनी के दायरे में है. उन्होंने ये भी कहा कि, “हमारे इंजीनियर अभी भी इसकी सटीकता की जांच कर रहे हैं. इसके कार्यान्वयन के लिए एक सटीक डेडलाइन इंडीकेट नहीं की जा सकती है.” डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि सिस्टम का प्रॉपर टेस्ट और ट्रायल करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. बता दें कि मजेंटा लाइन 37.46 किमी में फैली हुई है और जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक चलती है, जिसमें कुल 25 स्टेशन हैं.


नए सिस्टम का उद्देश्य ट्रेन की समान लोडिंग और यात्रियों को सामाजिक दूरी बनाए रखना है


वबीं DMRC के कार्यकारी निदेशक, कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन, अनुज दयाल ने कहा कि नई प्रणाली का उद्देश्य ट्रेन की समान लोडिंग और यात्रियों को सामाजिक दूरी बनाए रखने में मदद करना है. उन्होंने कहा कि अभी काम लाइन -8 (मैजेंटा लाइन) पर अवधारणा के प्रमाण के रूप में किया जा रहा है.  एक बार सिस्टम स्थिर हो जाने के बाद, इसे लाइन -7 (पिंक लाइन) पर भी नियत समय में लागू किया जाएगा.


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