Kapil Mishra News: चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में पहली बार भव्य बिहार दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बिहार की समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक योगदान और विकास यात्रा को सम्मान दिया गया. कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कला और संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
मंत्री कपिल मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ विचार के तहत अब हर राज्य में बिहार दिवस मनाया जा रहा है. हिमाचल, हरियाणा, गुजरात, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक हर जगह बिहार दिवस का आयोजन हो रहा है.” उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा कोना नहीं जहां बिहारियों की मेहनत और संघर्ष ने अपनी छाप न छोड़ी हो. बिहार के लोग जहां जाते हैं, वहां तरक्की और मेहनत की मिसाल पेश करते हैं.
बिहार ने हमेशा देश को नेतृत्व दिया
कपिल मिश्रा ने कहा, “बिहार ने हमेशा भारत को नेतृत्व दिया है. चाणक्य, चंद्रगुप्त, सम्राट अशोक, गुरुगोविंद सिंह, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसी महान विभूतियों ने इसी धरती पर जन्म लिया.” उन्होंने कहा कि बिहार सिर्फ अतीत में ही महान नहीं था, बल्कि आज भी देश की तरक्की में सबसे आगे है.
‘छठ पर जरूर बिहार जाएं, विकास देखें’
मंत्री ने बिहार के लोगों से अपील करते हुए कहा, “इस बार छठ पर्व पर अपने गांव जरूर जाएं, ताकि मोदी सरकार द्वारा बिहार में किए जा रहे विकास कार्यों को देख सकें.” उन्होंने कहा कि बिहार अब बदलाव की राह पर है और इस बदलाव को हर बिहारी को देखना और महसूस करना चाहिए.
‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ को और मजबूत करने का संकल्प
इस आयोजन को सफल बनाने में भाजपा चंडीगढ़ के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बड़ी संख्या में बिहार से जुड़े लोगों ने इसमें भाग लिया और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और मजबूत करने का संकल्प लिया.
बिहार दिवस का महत्व
बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. इस दिन को पूरे देश और विदेश में बिहार के लोग बड़े गर्व से मनाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद अब इसे भारत के विभिन्न राज्यों में भी बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है.
बिहार की सांस्कृतिक विरासत को सलाम
इस मौके पर बिहार की लोकसंस्कृति, कला और इतिहास से जुड़े कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए. पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोकगीतों ने समारोह में रंग भर दिया. बिहार दिवस के इस आयोजन से बिहारियों के बीच एकजुटता और गर्व का भाव मजबूत हुआ.
इस तरह चंडीगढ़ में पहली बार आयोजित बिहार दिवस समारोह एक ऐतिहासिक क्षण बना और यह संदेश दिया कि बिहार की महानता को हर जगह सम्मान दिया जाना चाहिए.