(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Satyendar Jain Case: दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन पर जेल में होगी निगरानी, किसी से मिलने पर भी लगी रोक
Money Laundering Case: दिल्ली के एलजी द्वारा गठित समिति ने कहा कि, जैन ने जेल के मानदंडों का उल्लंघन किया और विशेष उपचार का आनंद लेने के लिए अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग किया.
Delhi News: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Minister Satyendar Jain) पर अब 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी. खबर है कि उनसे किसी के मिलने पर भी 15 दिनों तक के लिए रोक लगाई गई है. तिहाड़ जेल में रहने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी. बता दें कि जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. इसके पहले कई ऐसे वीडियो सामने आए थे जिसमें जेल के अंदर उन्हें घर जैसी सुविधाएं मिलने की बात कही जा रही थी. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे, जिले लेकर आप और बीजेपी में जुबानी जंग भी हुई थी.
सेल से हटाए गए सामान
जैन को ईडी ने इसी साल मई में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था, तब से वे तिहाड़ जेल में हैं. वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष का आरोप था कि मंत्री जेल में मसाज करवाते हैं और उन्हें जेल में स्पेशल सुविधाएं मिलती हैं. उनके सेल के सभी सामान को हटा दिया गया है. अब उसमें सिर्फ एक टीवी बचा है. . इस बीच उनके कमरे से टेबल, चेयर और बेड को हटा दिया गया है. अन्य कैदियों से कहा गया है कि वे उनकी मदद के लिए नहीं जाएंगें. आरोपों के बाद बीजेपी लगातार उनके इस्तीफे की मांग करती रही है. पार्टी का यह भी कहना था कि जैन जेल के अंदर मसाज करवा रहे हैं और जेल के अंदर उनको वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रही है.
कमेटी की सिफारिश के बाद फैसला
यह कदम जेल नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों के बाद उठाया गया है. बता दें कि उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है. हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा गठित प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने कहा कि जैन ने जेल के मानदंडों का उल्लंघन किया और जेल में विशेष उपचार का आनंद लेने के लिए अपने आधिकारिक पद और अधिकार का दुरुपयोग किया.
समिति द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट, जिसमें प्रमुख सचिव (कानून और सचिव, सतर्कता) भी शामिल थे, ने कहा कि जैन अक्सर जेल में अपनी पत्नी पूनम जैन और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलते थे, दिल्ली सरकार में जेल मंत्री के रूप में अपने अधिकार का दुरुपयोग करते थे. समिति ने जैन के साथ तत्कालीन डीजी जेल, संदीप गोयल की मिलीभगत भी पाई और जेल में बंद मंत्री को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए गोयल के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की.