Delhi News: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati maliwal) प्रदेश सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग से निलंबित एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार (Delhi Rape Case) का मामला सामने आने के बाद से काफी आक्रोश में हैं. दिल्ली के लोगों के लिए शर्मसार करने वाली इस घटना को लेकर उनकी नाराजगी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि रेप पीड़िता से मिलने से अस्पताल प्रशासन द्वारा मना करने पर वह धरने पर बैठ गईं. वह पूरी रात धरने पर बैठी रहीं. इतना ही नहीं, उनका धरना अभी जारी है. उनकी मांग है कि आरोपी अधिकारी के अमानीवयता के शिकार पीड़िता से उन्हें मिलने दिया जाए. साथ ही रेप आरोपी अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई हो. 


दरअससल, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल 21 अगस्त को अस्पताल में पीड़िता से मिलने पहुंची थी, लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें लड़की से मिलने की इजाजत नहीं दी. इसके बाद वह पीड़िता से मिलने की जिद पर अड़ी रहीं. मुलाकात न होने पर वह अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गईं. इसके अलावा, अस्पताल के निदेशक आयोग अध्यक्ष से मिलने आए और उन्हें बताया कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी और एसीपी अस्पताल के अंदर हैं और उन्होंने अस्पताल से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को पीड़िता से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इसके बावजूद वह धरने से नहीं उठीं. उनका धरना मंगलवार को भी जारी है. 



फर्जी खबर फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई


दूसरी तरफ दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवान ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष और कुछ बीजेपी नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर भी कड़ी आपत्ति जताई. उनका बीजेपी के इस आरोप का खंडन किया है कि रेप का आरोपी डीसीडब्ल्यू का कर्मचारी है. डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने बीजेपी नेताओं के इस बयान को फर्जी करार दिया है. उनका कहना है कि इस तरह की फर्जी खबरें फैलाने और आयोग को बदनाम करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


आरोपी और उसकी पत्नी को बचाना दुर्भाग्य


दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने धरना पर बैठने से पहले कहा था-  “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत एक अधिकारी एक नाबालिग के साथ बलात्कार कर रहा था. हैरानी की बात है कि एफआईआर दर्ज होने के 8 दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आरोपी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया. यहां तक कि दिल्ली पुलिस के कहने पर मुझे पीड़िता से मिलने भी नहीं दिया गया. यह मेरी कल्पना से परे है कि दिल्ली पुलिस इस आदमी और उसकी पत्नी को क्यों बचाने की कोशिश कर रही है? आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. मैं पीड़िता से मिलूंगी और पीड़िता और उसके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करूंगी.”


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