(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi MLA Salary Hike: CBI, ED के एक्शन के बीच दिल्ली के विधायकों का 66% बढ़ा वेतन, जानिए सीएम को अब कितनी मिलेगी सैलरी?
Delhi Assembly Salary Hike: मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के वेतन भत्ते को मौजूदा 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 70 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है.
Delhi Mla Per Month Salary: दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी के एक्शन के बीच दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के वेतन और भत्तों में 66 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है. इसके साथ ही अब दिल्ली के विधायकों (Delhi MLA Salary) का वेतन भत्ता 54000 से बढ़ाकर 90 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के वेतन भत्ते को मौजूदा 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 70 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है.
इस संबंध में 9 मार्च को दिल्ली सरकार के लॉ एंड जस्टिस और विधायी मामलों के विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया. इस वेतन वृद्धि के बाद भी दिल्ली के कानून निर्माताओं की सैलरी सबसे कम है. विधायकों के वेतन में पिछले 11 वर्षों में यह पहली वृद्धि है. गौरतलब है कि मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता के वेतन में वृद्धि के लिए पांच अलग-अलग विधेयक पेश किए गए थे, जिन्हें पास करने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिलने के बाद अब यह लागू हो लागू हो गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक विधायक को वर्तमान में 12,000 रुपये मासिक वेतन मिलता है, जो वेतन वृद्धि के बाद अब बढ़कर 30,000 रुपये हो गया है.
18,000 से 25,000 हुआ निर्वाचन क्षेत्र भत्ता
फिलहाल दिल्ली के विधायकों को प्रतिमाह 18,000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मिलता था, जो अब बढ़ाकर 25,000 रुपये हो गया है. इसके अलावा वाहन भत्ता 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है. वहीं, सचिवीय भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है. ऐसे में अब विधायकों को 54,000 रुपये की जगह 90,000 रुपये मिलेंगे.
8,000 से बढ़कर 10,000 रुपये हुआ टेलीफोन भत्ता
इस वक्त दिल्ली के विधायकों को टेलीफोन भत्ता के रूप में 8,000 रुपये प्रति माह मिल रहा था, जिसमें 2,000 रुपये का इजाफा करते हुए इसे 10,000 रुपये कर दिया गया है. आपको बता दें कि विधायकों के टेलीफोन भत्ता में ऐसे वक्त में इजाफा किया गया है, जब तीन माह तक अनलिमिटेड बात करने के लिए मात्र 700 रुपये का प्लान देशभर में चल रहा है. ऐसे में टेलीफोन भत्ता भत्ता घटाने के बजाय उसमें भी 2000 रुपये का इजाफा कर दिया गया है.
मंत्रियों के वेतन में 300 प्रतिशत की वृद्धि
मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता का वेतन में 300 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे मौजूदा 20,000 रुपये मासिक से बढ़ाकर 60,000 रुपये मासिक कर दिया गया है. इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता मौजूदा 18,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये, सत्कार भत्ता मौजूदा 4,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये, सचिवालय सहायता भत्ता 25,000 रुपये और दैनिक भत्ता मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है. ऐसे में अब इनकी कुल सैलरी 1 लाख 72 हजार रुपये तक हो गई है.
माननियों की इन सुविधाओं में भी इजाफा
इसके अलावा उन्हें परिवार के साथ सालाना एक लाख रुपये तक की यात्रा की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी. इससे पहले यह राशि 50,000 रुपये थी. वहीं, प्रति माह 20,000 रुपये का मुफ्त आवास, ड्राइवर के साथ कार का मुफ्त इस्तेमाल या मासिक 10,000 रुपये वाहन भत्ता दिया जाएगा जो पहले मात्र 2,000 रुपये था. इसके अलावा मुफ्त इलाज की सुविधा भी दी गई है.
विधायकों ने नियमित वेतन वृद्धि की रखी मांग
इस वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के वक्त कई सदस्यों ने कहा था कि वेतन और भत्तों को अन्य राज्यों में उनके समकक्षों के बराबर करने के लिए नियमित रूप से संशोधित करने की आवश्यकता है. वहीं, कुछ विधायकों ने अन्य राज्यों के विधायकों के वेतन और भत्तों का हवाला देते हुए कहा कि वे देश में सबसे कम वेतन पाने वाले विधायक हैं.
गौरतलब है कि 2015 में दिल्ली विधानसभा ने वेतन प्रस्ताव में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को तैयार करने के लिए एक समिति बनाने के लिए अपनी मंजूरी दी थी. इसके बाद वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी के लिए विधानसभा से एक विधेयक पारित किया गया था, लेकिन केंद्र ने इसे बदलावों की सिफारिश करते हुए वापस भेज दिया. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मई 2022 में विधायकों के वेतन और भत्तों में संशोधन के लिए दिल्ली विधानसभा में विधायी प्रस्ताव पेश करने के लिए दिल्ली सरकार को अपनी पूर्व स्वीकृति दे दी थी. इसके बाद सरकार ने इस संबंध में विधानसभा में पांच विधेयक पेश कर मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा था, जिसे मंजूरी मिलने के बाद अब दिल्ली सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.
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