Delhi News: अगर आप भी ऑनलाइन सस्ते या ज्यादा डिस्काउंट वाली मोबाइल खरीदते हैं तो हो जाइए सावधान, क्योंकि जो मोबाइल आप खरीद रहे हैं कहीं वो लूट या स्नैच किये गए मोबाइल फोन तो नहीं? जिसे नकली दस्तावेज के साथ आपको बेचा जा रहा हो. आइए आपको ऐसे ही वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के बारे में आपको बताते हैं. 


दिल्ली के द्वारका जिले की द्वारका साउथ थाना पुलिस टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए बदमाशों के एक ऐसे ही गिरोह का खुलासा किया है, जो लूटे/स्नैच किये गए मोबाइल फोन को नकली दस्तावेजों के साथ बड़ी ही चालाकी से ऑनलाइन बेचते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, अनुज, दीपक, अखिल, अब्दुल अलीम और कपिल के रूप में हुई है. ये सभी डाबड़ी और उत्तम नगर इलाके के रहने वाले हैं. इनके पास से पुलिस ने स्नैचन्किया गया मोबाइल और नकली दस्तावेज भी बरामद किए हैं.


महिला से मोबाइल और पर्स छीने जाने की मिली थी सूचना


डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि, 29 अक्टूबर 2024 को पीसीआर कॉल से एक महिला से छीना-झपटी की सूचना द्वारका साउथ थाना को मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस को पीड़ित महिला ने बताया कि जब वह अपनी सहेली के साथ स्कूटी पर बाजार से घर लौट रही थी, तो उसके पीछे से 02 व्यक्ति आए और उसका मोबाइल और पर्स छीन लिया. पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गयी.


आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन


आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान कर उनकी पकड़ के लिए एसीपी मदन लाल मीणा की देखरेख और एसएचओ द्वारका साउथ संजीव मंडल के नेतृत्व में एएसआई महाबीर मंडल, हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण यादव एवं अन्य की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम बदमाशों का पता लगाने के लिए मौके पर पहुंची और घटनसाथल समेत आसपास के कई सीसीटीवी कैमरों की जांच की एवं स्थानीय मुखबिरों को सक्रिय कर आरोपियों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में लग गयी.


ट्रैप लगा कर पुलिस ने एक आरोपी को दबोचा


आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और 27 नवंबर को पुलिस को गुप्त सूत्रों से एक आरोपी जो कि, फर्जी बिल के साथ ऑनलाइन कंपनी को मोबाइल बेचता था, की महावीर डाबड़ी के महावीर एनक्लेव में मौजूदगी का पता चला. जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए टीम ने ट्रैप लगा कर उसे दबोच लिया. उसकी पहचान अनुज के रूप में हुई.


ऐसे बेचते थे फर्जी दस्तावेज के साथ ऑनलाइन मोबाइल


पूछताछ में उसने मामले में अपनी संलिप्तता कबूल की और बताया कि अनस और उसके दोस्त ने यह मोबाइल दीपक को ऑनलाइन बेचने के लिए दिया था. उसने खुलासा किया कि वह और उसका दोस्त दीपक, अखिल, अब्दुल अलीम उर्फ निहाल और कपिल इस मामले में शामिल हैं. उसने बताया कि उसके दोस्त दीपक ने उसे यह मोबाइल फर्जी बिल के साथ ऑनलाइन बेचने के लिए दिया था, ताकि वे मोबाइल बेचकर अधिक कमाई कर सकें.

फर्जी सिम और फर्जी बिल जरिए करते थे धांधली


उसने बताया कि अखिल की मदद से उन्होंने एक फर्जी सिम का इंतजाम किया और फर्जी बिल बनाया, जबकि अब्दुल अलीम उर्फ निहाल ने ऑनलाइन लेनदेन के लिए कपिल के बैंक खाते की व्यवस्था की. अब्दुल अलीम उर्फ निहाल, दीपक और कपिल के बीच मध्यस्थ है. इस मामले में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है.


एबीपी लाइव आपको आगाह करता है कि किसी भी वेबसाइट या अन्य ऑनलाइन स्त्रोत से सस्ते और हेवी डिस्काउंट वाली मोबाइल खरीदने से पहले जांच लें कि क्या वो वेबसाइट फर्जी है या सही. अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है. 


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