Delhi News: दिल्ली के नजफगढ़ ड्रेन और यमुना की सफाई अभियान के दौरान उपराज्यपाल वी.के सक्सेना (VK Saxena) ने यमुना में परिवहन के विकल्प की संभावनाओं को देखते हुए इसमें बोट चलाने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने नेवी से मदद मांगी गई थी, जिसके लिए कर्नाटक और देहरादून से नेवी की टीम दिल्ली आई. इन्होंने सर्वेक्षण के बाद बताया कि यमुना में कई जगह गहराई एक मीटर से भी कम है, जबकि बोट चलाने के लिए कम से कम 1.7 मीटर की गहराई जरूरी होती है. इसके बाद उन स्थानों को चिन्हित कर यमुना से गाद निकाली गई और यमुना को बोट चलाने के लिए तैयार किया गया.


कोच्चि से लाया गया नेवी का वर्क बोट


परिवहन विकल्प के रूप में संभावित जल मार्ग के लिए 30 मीटर चौड़े और 11 किलोमीटर लंबे यमुना के इस चैनल में सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ बैराज तक पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. अब इसके रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद यह साफ हो पाएगा की यमुना में गुड्स बोट चलेंगी या फिर पैसेंजर बोट. बता दें कि 25 मई को कोच्चि से चली नेवी की वर्क बोट सड़क मार्ग से ट्रॉला के माध्यम से 3 जून को दिल्ली लायी गयी थी. यह ट्रायल बोट 35 यात्रियों की क्षमता के साथ 14 नॉट की स्पीड से चल सकती है. इसे सिग्नेचर ब्रिज के पास खड़ा किया गया था.


पहले भी बनी थी ऐसी योजना


एलजी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, यमुना मे ऐसे परीक्षण की प्लानिंग पहले भी की गई थी. लेकिन जरूरी गहराई नहीं होने और सतह पर तैरते मलबे समेत कई अन्य दिक्कतों की वजह से सफल नहीं हो पाई. पर एलजी के यमुना सफाई अभियान और उनके प्रयासों के बाद यह सफल होता नजर आ रहा है. जहां एक तरफ एलजी के प्रयासों के बाद यमुना को फिर से नई जिंदगी मिली. वहीं दूसरी तरह सम्भव है कि जल्दी ही यमुना में यात्री बोट या फिर गुड्स बोट तैरते नजर आएंगे.



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