Delhi Mumbai Expressway: नए साल में मिलेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का तोहफा, महज इतने घंटे में दूरी होगी तय
Delhi Mumbai Expressway News: इस साल देश को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर का काम पूरा होने से दिल्ली से मुंबई तक का सफर 12 घंटे में तय हो जाएगा.
Delhi Mumbai Expressway Update: दिल्ली से मुंबई यात्रा करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. दिल्ली से मुंबई तक बनाए जाने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 के अंत तक इस कॉरिडोर का कार्य पूरा हो जाएगा. दिल्ली से हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से होकर गुजरने वाले दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई का सफर महज 12 से 13 घंटे में पूरा हो सकेगा.
ट्रायल रन के तुरंत बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा
जनवरी 2023 में हरियाणा से राजस्थान के बीच के कॉरिडोर की शुरुआत होने जा रही है. ट्रायल रन के फौरन बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. 08 लेन वाले 1380 किमी लंबे दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर एक्सप्रेस-वे का यह पहला फेज है, जो 210 किमी में बना है. दिल्ली मुम्बई कॉरिडोर का एक हिस्सा दिल्ली दौसा कॉरिडोर है. जो अब पूरी तरह बनकर तैयार है.
महत्वपूर्ण शहरों के बीच आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा
1,380 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है. यह हरियाणा के 3 जिले, राजस्थान के 7 जिले, एमपी के 3 जिले, गुजरात के 3 जिलों से गुजर रहा है। इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, इंदौर, अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे महत्वपूर्ण शहरों के बीच आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा.
भूमि अधिग्रहण और कोविड की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से इसमें हुई देरी
दिल्ली मुंबई के बीच बनने वाले देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे को लगभग 98,233 करोड़ रुपए की लागत आएगी. Delhi Mumbai Expressway को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के नाम से भी जाना जाएगा. ये पूरा एक्सप्रेस-वे 8 लेन का होगा. दिल्ली मुंबई 8 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम 9 मार्च 2019 से शुरु हुआ. इसे मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन NHAI के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब इसे पूरा करने के लिए मार्च 2024 का लक्ष्य रखा गया है. भुमि अधिग्रहण और कोविड की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हुई है.
50 साल तक जस का तस रहेगा ये एक्सप्रेस-वे
इस एक्सप्रेसवे को जर्मन तकनीक से बनाया जा रहा है जो कि आने वाले 50 साल तक जस का तस रहेगा. इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा की दृष्टि से हर 500 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिसके जरिए पूरे एक्सप्रेसवे पर तीसरी आंख के जरिए नजर रखी जा सकेगी. इसके अलावा इस पूरे एक्सप्रेसवे को एलिवेटेड बनाया जा रहा है इस एक्सप्रेसवे पर कहीं पर भी स्पीड ब्रेकर नहीं होगा साथ ही सड़क पर कोई जानवर ना आए इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं.
टोल वसूलने के लिए भी खास तरीका अपनाया
इस एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूलने के लिए भी खास तरीका अपनाया गया है इसीलिए जब आप इस टोल पर गाड़ी चलाएंगे तो आपको केवल उतना ही टोल का भुगतान करना होगा जितने किलोमीटर आपकी गाड़ी चलेगी. फिलहाल दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर न्यूनतम टोल रेट 0.65 पैसे प्रति किलोमीटर देना होगा, जो कि देश में अन्य सड़कों की तुलना में काफी कम है. मिनी बसों का 1.05 रुपए, बसों और ट्रकों से 2.20 रुपए, जेसीबी जैसी भारी मशीनरी पर 3.45 रुपए और अन्य भारी वाहनों पर 4.20 रुपए प्रति किलोमीटर टोल टैक्स वसूला जाएगा.
इमरजेसी में हो सकती है प्लेन लैंडिंग
दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर अभी 08 लेन वाला बनाया जा रहा है. इसके बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी गई है. जब इस पर ट्रैफिक बढ़ेगा तो इस पर 04 लेन और बढ़ा दिए जाएंगे. इसके 12 लेन के बनने के बाद ये दुनिया का पहला, 12 लेन वाला सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा. इस एक्सप्रेस-वे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कुछ जगहों जहां हाई टेंशन तार नहीं हैं, वहां जरूरत पड़ने पर इस पर इमरजेंसी में प्लेन की भी लैंडिंग कराई जा सकती है. इस एक्सप्रेस-वे पर 120 किलोमीटर की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ सकेंगी. इसके चालू होने के 08 महीनों के अंदर इस पर पेट्रोल-सीएनजी पम्प, इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, रेस्तरां और होटल जैसी सुविधाओं को भी शुरू किए जाने का लक्ष्य है.
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