Delhi Mundka Fire Stories: दिल्ली के मुंडका में हुए भीषण अग्निकांड की एक-एक दर्द भरी कहानियां सामने आ रही हैं. ये अग्निकांड 27 जिंदगियां लील गई, साथ ही कई और लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. बताया जाता है कि दहशत में सभी पीड़ितों के परिवार के सदस्य संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में पहुंचे जहां लोगों के शव लाए गए थे.


पीड़ित विमला (40) इमारत की खिड़की के शीशे तोड़कर रस्सियों से नीचे उतर गई और उसके दोनों हाथ जल गए. आखों में डर लिए महिला बताती है कि "मैं भाग्यशाली थी कि मैं बच गई. मैं यहां सेल्स डिपार्टमेंट में काम करती थी. खिड़की से बाहर कूदते ही मैं बेहोश हो गई. जबकि अभी भी कई लोग अंदर फंसे हुए थे, परिवार के सदस्य अपने रिश्तेदारों के शवों की पहचान करने के लिए इंतजार कर रहे थे.


बहन को खिड़की से कूदने के लिए कहता रहा शख्स


इस्माइल खान नाम के एक शख्स ने कहा कि "मैं अपनी बहन को खिड़की से देख सकता था. मैं उसे कूदने के लिए कहता रहा. मैं उसकी मदद करने के लिए वहां था जब टूटा हुआ कांच मुझ पर गिर गया और मेरे हाथ में चोट लग गई. थोड़ी देर बाद, धुआं भर गया और मैं उससे संपर्क नहीं कर सका. बकौल टाइम्स ऑफ इंडिया इस्माइल ने कहा कि उसकी बहन उसे बचाने के लिए कहती रही. लेकिन वह सारी उम्मीद खो चुका था और बस बुरी खबर की प्रतीक्षा कर रहा था.


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दूसरी की मदद कर रही तान्या का कुछ पता नहीं चला


तानिया सिंह (25) आग में फंसी एक अन्य महिला थीं. उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य उसके बारे में कुछ खबर पाने के लिए 2-3 घंटे इंतजार कर रहे थे. तान्या की मां ने बताया कि "वह दूसरों को निकालने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसे भी बाहर आने के लिए कहा. अब, मैं उससे बिल्कुल भी संपर्क नहीं कर सकती.


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