Delhi News: बीते साल दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव के बाद मेयर तो मिल गई लेकिन अब तक स्टैंडिंग कमेटी और वार्ड समितियों का गठन नहीं हो पाया है. इसकी वजह से पार्षदों के सामने अपने क्षेत्र में किए जाने वाले कामों को लेकर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मंगलवार को सदन के पूर्व नेता जितेंद्र कोचर (Jitendra Kochhar) के नेतृत्व में कांग्रेस (Congress) पार्षदों की टीम ने सिविक सेंटर में निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती (Gyanesh Bharti) से मुलाकात की और उन्हें अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत कराया.


साथ ही हर महीने निगम उपायुक्तों के साथ पार्षदों की बैठक की मांग भी की. इस दौरान एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. कांग्रेस पार्षदों की टीम में पार्टी की नेता नाजिया दानिश, मंदीप सिंह, शीतल, अरीबा खान, शगुफ्ता चौधरी, हाजी जरीफ, समीर अहमद, सबिला बेगम और नाजिया खातून शामिल थीं.


अधिकारियों को हर महीने बैठक के निर्देश


पार्षदों की समस्याओं के निराकरण के लिए और निगम उपायुक्त के साथ बैठक की मांग पर आयुक्त ने सभी जोन के उपायुक्तों को निर्देश जारी किया. उन्होंने कहा कि निगम में अभी तक स्टैंडिंग कमेटी और वार्ड समितियों का गठन नहीं होने से निगम पार्षदों के सामने बहुत बड़ी समस्या आ रही है. स्टैंडिंग कमेटी और जोन का गठन का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए अब से हर महीने जोन में निगम अधिकारी निगम पार्षदों के साथ बैठक करें, ताकि पार्षदों को अपने क्षेत्र में काम कराने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.


कांग्रेस पार्षदों ने इन मुद्दों को उठाया



  • कांग्रेस पार्षदों ने कहा स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है. जगह-जगह कूड़ा-कचरा जमा हो गया है. एमसीडी सीवर और नालियों के जाम होन की वजह से जलजमाव को रोकने में विफल रही है. निगम अधिकारी तभी जाते हैं, जब बारिश आती है. बारिश के मौसम के आने से पहले नालों से गाद निकालने का काम किया जाए.

  • ग्रामीण क्षेत्रों में हाउस टैक्स के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जो कि नहीं भेजे जाने चाहिए.

  • ठेकेदारों की पेमेंट नहीं हो रही है. इसकी वजह से काम रुका हुआ है. इससे क्षेत्र में विकास के काम बिल्कुल ठप्प पड़े हुए हैं.

  • एमसीडी बजट आवंटन को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, ताकि पार्षद अपने वार्डों में विकास कामों के लिए धन का उपयोग कर सकें. दिल्ली में कई वार्ड ऐसे हैं, जहां एक भी पार्क नहीं है. इसकी वजह से बागवानी का पैसा वापस कर दिया जाता है, जिससे वार्डों का विकास प्रभावित होता है.


जितेंद्र कोचर ने आयुक्त से मांगी ये अनुमति


पार्षदों की तरफ से जितेंद्र कोचर ने निगम आयुक्त से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि पार्षदों को किसी विशेष काम के लिए जो रकम आवंटित की जाती है, उस काम के पूरा होने पर अगर आवंटित रकम से कुछ धनराशि शेष रह जाती है तो वे उस राशि का इस्तेमाल अपने क्षेत्र के दूसरे विकास कामों में कर सकें.


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