Delhi Municipal Corporation: लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे की साथी बनी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम में भी एकजुट होने का फैसला कर लिया है. जिससे एमसीडी में स्थायी समिति को लेकर चली आ रही खींचतान का पटाक्षेप हो सकता है.


दोनों के साथ आने से बदले समीकरण के कारण बीजेपी का एल्डरमैन का दांव भी काम आता नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि एमसीडी की सत्ता पर काबिज आप, मेयर चुनाव के बाद स्थायी समिति के चुनाव कराने के मूड में दिख रही है.


हालांकि, मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. 26 अप्रैल को इन दोनों पदों के लिए चुनाव कराने की तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अभी तक इसके लिए मंजूरी नहीं दी है. एमसीडी अफसरों ने मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए 8 अप्रैल को ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मंजूरी के लिए पत्र लिखा था. लेकिन अभी तक उन्हें आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है.


एमसीडी में आप के कुल 134 पार्षद, कांग्रेस के 09 का भी मिला साथ
बात करें एमसीडी में दल के अनुसार पार्षदों की संख्या की तो आप पार्षदों की कुल संख्या 134, बीजेपी की 104 और कांग्रेस के 09 पार्षद हैं, जबकि 3 पार्षद निर्दलीय हैं जिनमें से एक आप और बाकी दो बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक स्थायी समिति के सदस्यों की कुल संख्या 18 होती है, जिसमें से 6 सदन से जबकि 12 सदस्य प्रत्येक जोन से चुनकर आते हैं. इस कारण जोनल कमिटियों में जिस पार्टी की बहुमत होती है, स्टैंडिंग कमिटी में चेयरमैन भी उसी का होता है.


एमसीडी चुनाव के करीब 17 महीनों बाद भी नहीं हुआ स्थायी समिति का गठन 
2022 में हुए एमसीडी चुनाव परिणाम के आधार पर जोनल स्तर पर आप को बहुमत प्राप्त है, लेकिन उपराज्यपाल द्वारा एल्डरमैन की नियुक्ति करने से स्थायी समिति के चुनाव का समीकरण बदल दिया था. जिस कारण एमसीडी चुनाव के संपन्न होने के करीब 17 महीनों बाद भी स्थायी समिति का गठन अब तक नहीं हो पाया है. लेकिन ऐसी संभावना है कि मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के चुनाव के बाद जल्दी ही स्थायी समिति का चुनाव हो सकता है.


कांग्रेस का साथ मिलने के बाद बदला समीकरण
अब तक 12 जोन में से नजफगढ़, केशवपुरम, शाहदरा (नॉर्थ) और शाहदरा (साउथ) में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत है. लेकिन, एमसीडी में आप को कांग्रेस का साथ मिलने के बाद शाहदरा (नॉर्थ) में समीकरण बदल गया है. इनमें आप के 13, बीजेपी के 18 और कांग्रेस के 3 पार्षद हैं. आप और कांग्रेस को मिलाकर अब पार्षदों की संख्या 16 हो गयी है. इसलिए यहां मामला अब टक्कर का हो गया है. 


वहीं, सेंट्रल जोन में आप के 13, बीजेपी के 10 और कांग्रेस के 2 पार्षद हैं. जहां दो एल्डरमैन की नियुक्ति के बाद बराबरी की टक्कर थी, लेकिन कांग्रेस का साथ मिलने से इस जोन में आप और कांग्रेस के 15 पार्षद हो जाते हैं, जबकि बीजेपी के पार्षदों की संख्या एल्डरमैन की नियुक्ति के बाद भी 12 ही हैं. जबकि सिटी-एसपी, करोल बाग और वेस्ट जोन में बीजेपी के लिए आप को टक्कर दे पाना कठिन होगा. एल्डरमैन नियुक्त होने से पहले स्टैंडिंग कमिटी में बीजेपी को 7 और आप को 5 जोन में बढ़त थी. लेकिन, कांग्रेस का साथ मिलने के बाद अब समीकरण बदल चुका है.


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