Delhi: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से कहा गया है कि निगम के स्कूलों में छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और इस साल नए सत्र में अब तक 2 लाख 53 हजार दाखिले पूरी दिल्ली में निगम के स्कूलों में हुए हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में निगम द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों की संख्या 1500 से ज्यादा है और इन स्कूलों में छात्रों को प्राइमरी एजुकेशन दी जाती है यानी कि यह स्कूल नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक होते हैं जहां छात्रों को पढ़ाया जाता है.


5 वर्षों में सबसे ज्यादा संख्या
निगम ने बताया है कि इस साल नए सत्र में अब तक 2,53,000 नए दाखिले हुए हैं. इसी के साथ निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या लगभग 9,10,000 के पार पहुंच गई है जो कि बीते 5 वर्षों में सबसे ज्यादा है. अधिकारियों का कहना है कि निगम के स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या बढ़ रही है और इसके पीछे का कारण यही है कि स्कूलों में लगातार सुधार किए जा रहे हैं. शिक्षा में सुधार के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार हुआ है. निगम ने हर एक वार्ड में अंग्रेजी मीडियम स्कूल की भी शुरुआत की है जिससे सरकारी स्कूल में ही छात्र अंग्रेजी पढ़ रहे हैं.


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नहीं मिल पा रही पर्याप्त सुविधा
जानकारी के मुताबिक दिल्ली में निगम के स्कूलों की संख्या 1563 है जिसमें से करीब 138 स्कूल पूरी तरीके से अंग्रेजी मीडियम हैं. वहीं 642 स्कूल ऐसे हैं जिसमें एक सेक्शन अंग्रेजी मीडियम में है. निगम के शिक्षा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक निगम के स्कूलों में छात्रों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं जैसे कि छात्रों को निशुल्क पुस्तकें और ड्रेस दी जाती हैं. इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से निगम को फंड दिया जाता है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निगम ने दिल्ली सरकार से 162 करोड रुपए की मांग की थी लेकिन सरकार ने केवल 37.50 करोड़ रुपए की राशि ही उपलब्ध कराई. अधिकारी का कहना है कि दिल्ली सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई रकम 25 फीसदी से भी कम है, जिससे कि निगम के स्कूलों में छात्रों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पा रही है.


फंड नहीं दिया जा रहा-निगम
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने निगम के स्कूलों में छात्रों को पुस्तके नहीं दिए जाने का आरोप लगाया था जिसको लेकर निगम का कहना है कि आरोप सरासर गलत हैं. निगम अपने स्कूलों में छात्रों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. बल्कि दिल्ली सरकार की ओर से स्कूलों के लिए जो निगम को फंड दिया जाना था, वह फंड नहीं दिया जा रहा है. निगम का कहना है कि दिल्ली सरकार की संस्था दिल्ली ब्यूरो ऑफ टेक्स्ट बुक को पुस्तकों के लिए सूचित किया गया था, इस साल शैक्षिक सत्र के लिए ब्यूरो ने जून महीने में पुस्तकें उपलब्ध कराना आरंभ किया था और जब अतिरिक्त बुक्स की मांग की गई तो ब्यूरो की तरफ से पुस्तकें उपलब्ध कराने में देरी हो रही है.


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