दिल्ली में हत्या-लूट की वारदात को अंजाम देने वाला शख्स 18 साल बाद गिरफ्तार, कैसे पुलिस ने दबोचा?
Delhi Crime News: 2006 में कालका जी में हुई हत्या और डकैती के मामले में फरार आरोपी राम भाले को 18 साल बाद यूपी के गोंडा से गिरफ्तार किया गया. पीड़िता की हत्या गला घोंटकर की गई थी.
Delhi News: साल 2006 में दिल्ली के कालका जी इलाके में 60 साल की गुलशन कपूर की हत्या और उनके घर में हुई डकैती के वॉन्टेड अपराधी को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने यूपी के गोंडा से दबोच लिया है. आरोपी राम भाले को कोर्ट ने वॉन्टेड घोषित कर दिया था. इस वारदात में शामिल 4 अन्य आरोपियों को कोर्ट पहले ही दोषी ठहरा चुका है.
जानकारी के मुताबिक 7 मार्च 2006 को जब अनिल कुमार अपने कालका जी वाले घर पहुंचते हैं तो पाते हैं कि उनकी पत्नी गुलशन कपूर का मर्डर हो चुका है और घर के कीमती सामानों की चोरी हो चुकी है. इसकी सूचना पुलिस को दी जाती है. पीड़िता की गला घोंटकर हत्या की गई और उसके गहने और नकदी लूट ली गई. शिकायतकर्ता ने पहले के नौकर सुरेश उर्फ बाबू पर शक जताया, जिसके बाद पुलिस ने उसकी और उसके साथियों की पहचान कर ली.
डीसीपी के मुताबिक प्रारंभिक जांच के दौरान चार सह-आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनसे चोरी का सामान बरामद किया गया. ये व्यक्ति सुरेश उर्फ बाबू थे, जो उस समय नाबालिग था, जिसका मामला किशोर न्याय बोर्ड को भेजा गया. बाकी अन्य आरोपी राजेश उर्फ सुक्की, हसनू और पुष्पा थे. इन आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया.
पुलिस से बचने के लिए किया यह काम
हालांकि, मुख्य आरोपी राम भाले उर्फ भल्ले, पकड़े जाने से बचने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाते हुए भागने में सफल रहा. आरोपी 18 साल से फरार था और पकड़े जाने से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा. पुलिस से बचने के लिए राम भाले ने खुद को लो प्रोफाइल रखा. दूरदराज के इलाकों में रहा और डिजिटल फुटप्रिंट से बचने के लिए दूसरों के नाम से पंजीकृत सिम कार्ड का इस्तेमाल किया. आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश भी की और दावा किया कि उसके बड़े भाई ने अपराध किया है.
आरोपी अपने पैतृक गांव और आस-पास के इलाकों में भाग गया और अक्सर ठिकाने बदलता रहा. आरोपी ने कभी भी अपने नाम से कोई बैंक खाता नहीं खोला और गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने साथी ग्रामीणों के नाम पर सिम कार्ड का इस्तेमाल करता रहा.
आरोपी खेत में ट्रैक्टर चलाते हुए पकड़ा गया
हालांकि ACP नरेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन करके शुरू में यूपी के गोंडा इलाके में छापेमारी भी की गयी. लेकिन आरोपी वहां नहीं मिला. लेकिन 2 दिसंबर को टीम को टिप मिली कि आरोपी गोंडा, यूपी के ओबराई गांव के पास धान के खेत में काम कर रहा है. टीम ने तुरंत कार्रवाई की और उसे खेत में ट्रैक्टर चलाते हुए पकड़ लिया.
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