Delhi Dog Attack: दिल्ली में कुत्तों के काटने से बच्चों की मौत, कहीं साजिश के तहत हत्या तो नहीं?
Delhi News: शक जाहिर करते हुए बच्चों की मां ने कहा कि ना तो किसी ने बच्चों की चीख सुनी और ना ही किसी ने कुत्तों को हमला करते देखा. बच्चों के रिश्तेदारों का कहना है कि मामले कि CBI जांच होनी चाहिए.
Delhi News: साउथ-वेस्ट दिल्ली के वसंत कुंज साउथ थाना इलाके में 3 दिनों में जिन दो सगे भाई आनंद (7) और आदित्य (5) की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई, पुलिस (Delhi Police) जांच में अभी तक उन दोनों भाइयों की मौत की वजह आवारा कुत्तों (Delhi Dog Attack) को बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि जंगल में शौच करने के दौरान दोनों पर आवारा कुत्तों ने हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गयी, लेकिन लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि, कैसे इस तरह से कुत्तों के हमले में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गयी. ये पूरा मामला संदेहास्पद नजर आ रहा है और ऐसी सम्भवना जताई जा रही है कि कुत्तों के हमले की आड़ में कहीं उन मासूमों की हत्या तो नहीं कि गयी है. इस मामले में जब एबीपी लाईव की टीम ने रंगपुरी पहाड़ी के सिंधी बस्ती में जाकर पड़ताल की तो कई ऐसे सवाल खड़े हुए, जिनके जवाब तलाशे जाने जरूरी हैं.
दोनों पर हुए कुत्ते के हमलों का नहीं है कोई चश्मदीद
10 मार्च को आनंद और फिर उसके बाद 12 मार्च को आनंद के छोटे भाई आदित्य की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई. दोनो ही मामलों में बताया गया कि दोनों झुग्गी से थोड़ी दूरी पर जंगल में जब शौच करने गए थे, तब उन पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया. दोनों बच्चों को बुरी तरह काटा, जिससे कुछ ही देर में दोनों की मौत हो गई. पता चला कि आदित्य के साथ उसके ताऊ का लड़का चंदन भी था. चंदन से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने, उसके सामने आदित्य पर किसी कुत्ते के हमला नहीं होने की बात बताई और ना ही आदित्य को शोर मचाते देखा.
चंदन ने बताया कि 12 मार्च की सुबह करीब 8 बजे वह आदित्य के साथ शौच करने के लिए जंगल गया था, जहां से कुछ देर बाद आदित्य वहां से उठकर चला गया, लेकिन घर आने पर पता लगा कि आदित्य घर नहीं पहुंचा है. थोड़ी देर में उसे ढूंढना शुरू किया गया तो वह जंगलों में बेसुध मिला. अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही समी मौत हो गई. इस मामले में बस्ती के और भी लोगों से बात की गई, लेकिन किसी ने भी दोनों बच्चों पर न तो आवारा कुत्तों को हमला करते देखा और न ही कुत्तों के हमला करने के दौरान इनकी चीख पुकार सुनी. ऐसे में दोनों बच्चों की मौत संदेहास्पद नजर आ रही है.
लोगों को दोनों की मौत में नजर आ रहा है कुछ राज
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 10 से 15 सालों में कभी भी उन्होंने इस तरह से आवारा कुत्तों द्वारा किसी पर जानलेवा हमला करते हुए ना तो सुना और ना ही देखा है. लोगों का कहना है कि कुछ एक छोटी-मोटी घटनाएं जरूर हुई हैं, लेकिन कभी भी ऐसी जानलेवा घटना नहीं देखी. उनका कहना है कि कुत्ते ऐसे आदमखोर नहीं हुए कि बच्चों को ही खाना शुरू कर दें. लोगों को दोनों बच्चों की मौत संदेहास्पद लग रही है.
बस्ती के लोगों ने बताया कि, जिस जगह 10 मार्च को आनंद पर कथित कुत्तों ने हमला किया था, वहां बस्ती के बच्चे खेलते हैं, जबकि जंगलों में घूमने वाले लड़कों ने बताया कि वह हर दिन यहां घूमते रहते हैं, लेकिन उन्हें कभी किसी कुत्ते ने नहीं काटा. उनका कहना है कि, उन्हें भी ये जान कर हैरत हुआ कि कैसे इन दोनों भाइयों को कुत्तों ने मार डाला. लोगों ने बताया कि बस्ती में तकरीबन 70-80 बच्चे होंगे. सभी बच्चे इधर-उधर खेलते-घूमते रहते हैं. घरों के नाम पर यहां छोटी-छोटी झुग्गियां बनी हैं, जिनमें टॉयलेट नहीं हैं. ऐसे में बड़ों और बच्चों को शौच के लिए पास के जंगलों में ही जाना पड़ता है, लेकिन इससे पहले कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ कि कुत्तों ने किसी पर हमला किया हो.
तंत्र-मंत्र और बच्चों की बलि देने का शक जता रहे लोग
दोनों मासूमों की मां इस घटना से सदमे में हैं. उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा कि अचानक ये सब क्या हो गया. पहले उनके बीच वाले बेटे की मौत हुई और फिर छोटे बेटे की. उन्होंने बताया कि कुत्तों के हमले की बात बताई जा रही है, लेकिन क्या कुत्ते इस तरह से बच्चों को मार सकते हैं. शक जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि ना तो किसी ने बच्चों की चीख सुनी और ना ही किसी ने बच्चों पर कुत्तों को हमला करते देखा. वहीं बच्चों के रिश्तेदारों का कहना है कि इस मामले कि सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्हें नहीं लगता कि कुत्तों ने इन बच्चों को मारा है, कुछ और ही मामला लगता है. लोगों ने दबी जुबान में इस मामले में तंत्र-मंत्र, बलि देने या फिर किसी और चक्कर में हत्या का शक जताया है. परिजनों ने संदेह जाहिर करते हुए कहा कि क्या कुत्तों के काटने से बच्चों का शरीर काला पड़ जाता है? आदित्य के मुंह से झाग निकल रहा था, तो क्या उसे कुछ जहरीला पदार्थ दिया गया. बच्चों के शरीर पर कुछ जगह घाव थे, लेकिन उनका खून जम सा गया था. ऐसे में पुलिस को इनकी गंभीरता से जांच करनी चाहिए.
पुलिस डॉग या एनिमल बाइट बता रही मौत का कारण
इस मामले में चार दिन बीत जाने के बाद भी दोनों बच्चों में से किसी की भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है. हालांकि दोनों ही मामलों में बच्चों की मौत की वजह डॉग या एनिमल बाइट बताई जा रही है. बच्चों के शरीर पर मिले जख्मों के निशान कुत्तों के हमले की वजह से हुई मौत की तरफ ही इशारा कर रहे हैं. वहीं पुलिस का कहना है कि अभी तक इस मामले में कुछ भी संदेहास्पद नजर नहीं आया है. दूसरे बच्चे की मौत के वक्त पहले मामले की जांच कर रहे एसआई पास ही मौजूद थे, जिन्होंने बच्चे के पास कुछ कुत्तों को देखा था. हालांकि किसी ने भी कुत्तों को बच्चे पर हमला करते नहीं देखा. फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके बाद ही इन रहस्यमयी मौतों से पर्दा उठ पायेगा.