Delhi News: जानवर अधिकतर लोगों को पसंद होते हैं. उन्हें देखने के लिए हम सफारी या चिड़ियाघर जैसी जगहों पर भी जाते हैं. जहां करीब से अपने पसंदीदा जानवरों को देख पाते हैं और एक वाइल्डलाइफ का अनुभव कर पाते हैं. क्या कभी आपने उन जानवरों को गोद लेने के बारे में सोचा है?  शायद नहीं?  क्योंकि आपको लगता होगा कि यह आसान नहीं है. देश की राजधानी दिल्ली में ऐसा हो सकता है क्योंकि नेशनल जूलॉजिकल पार्क (दिल्ली चिड़ियाघर) ने वन्यजीवों को गोद लेने की एक योजना की शुरुआत की है.


इन जानवरों को ले सकते हैं गोद
इसमें आप शेर, हाथी, गैंडा, तेंदुआ, भेड़िया, काला हिरण, नीलगाय, उल्लू जैसे सभी वन्यजीवों को गोद ले सकते हैं. आप इन जानवरों को गोद लेकर इनके संरक्षण में मदद कर सकते हैं. हम सभी कुत्ते, बिल्ली, गाय, बकरी जैसे जानवरों को तो जरूर पालते हैं. ऐसे बड़े और जंगली जानवरों को शायद ही पालने के बारे में हम सोच पाते हैं. वहीं अब दिल्ली चिड़ियाघर में रहने वाले अलग-अलग जंगली जानवरों और जीवों को गोद ले सकते हैं उन्हें पाल सकते हैं. 


यहां मिलेगी अधिक जानकारी
लोगों के बीच वन्य जीव संरक्षण की भागीदारी को बढ़ाने के लिए भारत के सभी प्रमुख चिड़िया घरों में पशुओं को गोद लेने की योजना शुरू की जा रही है. हालांकि देश के दूसरे कई चिड़ियाघरों में यह योजना पहले से लागू हो रखी है. वहीं दुनिया के कई चिड़िया घरों में ये योजनाएं पहले से लागू हैं. दिल्ली चिड़ियाघर के इतिहास में ये पहली बार है जब इस योजना को लागू किया जा रहा है. दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर धर्मदेव राय ने बताया कि इस योजना से लोगों के बीच वन्य जीव संरक्षण को लेकर भागीदारी बढ़ेगी. इसको लेकर दिल्ली चिड़ियाघर #Janbhagidari योजना चला रहा है. इसके जरिए लोग अपने पसंदीदा पशु को गोद ले सकते हैं और उसकी देखरेख संरक्षण में दिल्ली चिड़ियाघर के साथ मिलकर नजदीक से शामिल हो सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए लोग nzpzoo-cza@nic.in पर मेल और +919459352291 पर व्हाट्सएप भी कर सकते हैं.


सालाना खर्च इस प्रकार होगा
चिड़ियाघर के वन्यजीवों को गोद लेने के लिए अलग-अलग दर के हिसाब से 1 या 2 साल के लिए गोद लिया जा सकेगा. चिड़ियाघर में मौजूद एशियाई शेर, सफेद बाघ, बंगाल बाघ, गेंडा, हाथी और बिलाव को गोद लेने का सालाना खर्च 60 हजार है. जो सबसे ज्यादा है वहीं सबसे कम खर्च वाले जानवरों में जेबरा फिंच है जिसको गोद लेने का खर्च 700 रुपये है. इसके साथ ही तेंदुए को 1 साल के लिए गोद लेने का खर्च 2,25000 रुपये, भारतीय गौर 80,000 रुपये, भेड़िया 1,20,000 रुपये, इंडियन जैकाल 2,40, 000 रुपये, धारीदार लकड़बग्घा 3,00000 रुपये, भारतीय सियार 1,20,000 रुपये, उल्लू 12,000 रुपये, पहाड़ी सांप 10,000 रुपये, काला हिरण व हिरण  40,000 रुपये इसके अलावा नीलगाय और सांबर को गोद लेने के लिए सालाना खर्च 40,000 रुपये आयेगा. 


यहां करें आवेदन
दिल्ली चिड़ियाघर में मौजूद अलग-अलग वन्यजीवों को गोद लेने के लिए कोई भी व्यक्ति संस्था कंपनियां शैक्षणिक संस्थान आवेदन कर सकता है. सभी दस्तावेज और जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से एक पहचान पत्र गोद लेने वाले शख्स को दिया जाएगा. इसके साथ ही उस जानवर के बाड़े के बाहर उस शख्स का नाम या कंपनी या संस्था का नाम भी लिखा होगा. साथ ही उस शख्स को चिड़ियाघर में होने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होने का भी मौका मिलेगा और गोद लेने की अवधि पूरी होने के बाद भी अगर प्रशासन की तरफ से उसे एक प्रमाण पत्र भी सौंपा जाएगा. गोद लेने की प्रक्रिया के जरिए लोग चिड़ियाघर में मौजूद वन्यजीवों की देखरेख में जुड़ सकेंगे. उन्हें नजदीक से उनके संरक्षण का अनुभव मिलेगा. जानवरों को गोद लेने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से एक फॉर्म जारी किया गया है, जो दिल्ली चिड़ियाघर की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है. साथ ही इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी साझा की गई है.



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