(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मांगा गया एक्शन प्लान, पर्यावरण मंत्री बोले- जन आंदोलन की जरूरत
Delhi Air Pollution: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए हमें पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी लेने की जरूरत है.
Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या रहती है. इसे देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों को कई निर्देश दिए हैं. आयोग ने पिछले दो साल के वायु गुणवत्ता सूचकांक डेटा के आधार पर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इस साल मानसून से पहले साइंटिफिक एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा है. गुरुग्राम में आयोजित 'डायलॉग टूवर्ड्स क्लीन एयर' कार्यक्रम में सीएक्यूएम के अध्यक्ष एमएम कुट्टी ने ये निर्देश दिए.
एमएम कुट्टी ने कहा कि शहरों को स्वच्छ ईंधन उद्योगों, सार्वजनिक परिवहन मोड को बढ़ाने और नगर पालिकाओं को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए योजना बनाने की जरूरत है. इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंध लगाए बिना दिल्ली-एनसीआर में बातचीत से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए विचार डेवलप करने में मदद मिलेगी. साथ ही भूपेंद्र यादव ने लोगों से कचरे को अलग करने की भी अपील की.
"वायु प्रदूषण के समाधान के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता"
उन्होंने कहा कि स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए हमें पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली अपनाने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी लेने की जरूरत है. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियों सहित अन्य जन प्रतिनिधियों के सहयोग से कार्य योजना तैयार करना आवश्यक है, ताकि प्रदूषण से संबंधित सभी मुद्दों और समाधानों पर विचार किया जा सके. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है.
किसानों के लिए बेकार नहीं है पराली: भूपेंद्र यादव
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम यहां किसी भी क्षेत्र पर कोई प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं हैं, हम यह सुनिश्चित करते हुए समग्र सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं कि हमें स्वच्छ हवा भी मिले. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पराली बेकार नहीं है, बल्कि आय का एक स्रोत है, क्योंकि पराली से बायो कम्पोस्ट बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिम यूपी के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से अक्टूबर-नवंबर में पराली जलने से दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हम बायोमास जलाने को अपराध नहीं बनाएंगे, लेकिन किसानों को प्रोत्साहन देकर अपनी पराली बेचने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
गुरुग्राम नहीं है राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा
सोमवार की चर्चा के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अधिकारियों और NCR राज्यों के प्रतिनिधियों ने उन शहरों की स्थिति पर चर्चा की जो राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का हिस्सा हैं. एनसीएपी में कुल 132 शहरों को शामिल किया गया था, जिसे 2019 में लागू किया गया था और 2017 प्रदूषण के स्तर को आधार के रूप में इस्तेमाल करते हुए 2024 तक वायु प्रदूषण के स्तर में 20 से 30% की कमी लाने का प्रयास किया गया था. दिल्ली, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, अलवर और मेरठ जैसे शहर इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं. लेकिन गुरुग्राम नहीं है.
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