Delhi-NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बड़ा कदम उठाया है. वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित और कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, जीएनसीटीडी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनसीआर के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्र की एजेंसियों और विभागों के लिए क्षेत्रवार सिफारिशों के साथ एक व्यापक नीति तैयार की है.


इस नीति में उद्योग, परिवहन, निर्माण और विध्वंस, सड़कों और खुले क्षेत्रों से धूल, सॉलिड वेस्ट और फसल अवशेष जलाना आदि शामिल हैं. यह थर्मल पावर प्लांट, स्वच्छ ईंधन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सार्वजनिक परिवहन, सड़क यातायात प्रबंधन, डीजल जनरेटर, पटाखे फोड़ने, हरियाली और वृक्षारोपण के माध्यम से वायु प्रदूषण को कम करने से संबंधित है. इसमें दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर, रोहतक, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और बागपत के साथ दूसरे एनसीआर जिले, पंजाब के पूरे राज्य और हरियाणा के गैर-एनसीआर जिलों के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण और समय-सीमा का सुझाव दिया गया है.


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2021 को अपने आदेश में सीएक्यूएम को निर्देश दिया था कि दिल्ली और एनसीआर में हर साल होने वाले वायु प्रदूषण के खतरे का स्थायी समाधान खोजने के लिए आम जनता के साथ-साथ क्षेत्र के विशेषज्ञों के सुझाव भी लिए जा सकते हैं. इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया, जिसने प्राप्त सुझावों पर विचार किया, हस्तक्षेपकर्ताओं और विशेषज्ञों के साथ ही अलग-अलग हितधारकों और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की.


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पराली जलाने के मामले का भी किया गया मूल्यांकन


विशेषज्ञ समूह ने मिले सुझावों को ध्यान में रखने के अलावा मौजूदा वैज्ञानिक साहित्य, नीतियों, विनियमों, कार्यक्रमों और अलग-अलग क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों की फंडिंग रणनीतियों, कार्रवाई की वर्तमान स्थिति और सर्वोत्तम अभ्यास दृष्टिकोण की समीक्षा और जांच की. इसमें आम नागरिक, अनुसंधान निकायों, उद्योग, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों आदि से सुझाव लिए गए. इस बहु-क्षेत्रीय मूल्यांकन के दायरे में उद्योग, बिजली संयंत्र, वाहन और परिवहन, डीजल जनरेटर सेट, निर्माण-विध्वंस, सड़कों और खुले क्षेत्रों जैसे धूल के स्रोत, बायोमास जलाना, पराली जलाने, पटाखे जैसे मामले शामिल हैं.


निजी वाहनों के उपयोग को कम करने पर भी हुआ विचार


विशेषज्ञ समूह ने मुद्दों और जटिलताओं पर विचार करते हुए अल्पकालिक (एक साल तक), मध्यम अवधि (एक-तीन साल) और दीर्घकालिक (तीन-पांच साल)) कार्यों का सुझाव दिया है. इस समय-सीमा को विभिन्न उप-क्षेत्रों, क्षेत्रों, जिलों, शहरों के लिए अलग-अलग किया गया है, ताकि सभी को सामान्य वायु गुणवत्ता लक्ष्य को पूरा करने के लिए परिवर्तन के लिए स्थान प्रदान किया जा सके. वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उद्योग, परिवहन और घरों में किफायती स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकी तक व्यापक पहुंच जैसे क्षेत्र शामिल हैं. इसके अलावा बड़े पैमाने पर वाहनों के विद्युतीकरण, पैदल चलने और साइकिल चलाने के बुनियादी ढांचे के निर्माण और व्यक्तिगत वाहन के उपयोग को कम करने सहित कई कार्य भी शामिल हैं. 


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