Delhi Auto Taxi Strike: ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के आह्वान पर दिल्ली-एनसीआर में आज (22 अगस्त) की सुबह से दो दिनों के लिए चक्का-जाम जाम जारी है. गुरुवार सुबह से ही इसका असर देखा जा रहा है. आज हड़ताल की वजह से लोगों को ऑटो-टैक्सी बहुत कम मिल रहा है. काफी देर तक प्रयास करने के बाद ऑटो-टैक्सी मिलने के बाद उसके चालक मनमाने ​चार्ज वसूल रहे हैं, जो यात्रियों की जेब पर भारी पड़ रहा है.
 
बता दें कि दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 22 से 23 अगस्त  2024 तक दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर ऑटो-टैक्सी पूरी तरह से बंद रखने का फैसला लिया है. ऑटो-टैक्सी यूनियन की अपील पर जारी हड़ताल की वजह से दैनिक यात्रियों समेत अन्य यात्रा योजना दे बाहर निकलने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.






'ऑटो चालक मनमाना पैसा मांग रहे हैं'


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टैक्सी का इंतजार कर रहे यात्री सौरभ ने कहा, "टैक्सी नहीं मिल रही है, काफी समय से ऑनलाइन कैब भी बुक करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन बुकिंग नहीं हो रही है. ऑटो चालक मनमाना पैसा मांग रहे हैं."






'बंद हो ऐप आधारित गाड़ियों का संचालन'


दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के उपाध्यक्ष आर एस राठौर ने कहा, "यात्रियों को टैक्सी नहीं मिल रही है. टैक्सी न मिलने से यात्रियों को परेशानी हो रही है. इसके लिए  एग्रीगेटर कंपनियां जिम्मेंदार हैं, जो गैर कानूनी तरीके से चल रही हैं. राठौर ने कहा​ि क हमारे चालकों को सही पैसा नहीं मिल रहा है. हमने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है. अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम आगे भी प्रदर्शन करेंगे. हमारी मांग है ऐप आधारित गाड़ियों को बंद किया जाए."


हड़ताल क्यों?


दिल्ली एनसीआर की लगभग चार लाख टैक्सियां कल तकसड़कों पर नहीं उतरेंगी. दो दिवसीय हड़ताल में टैक्सी चालक सेना यूनियन, दिल्ली ऑटो ट्राइसाइकिल चालक यूनियन, राजधानी टूरिस्ट चालक यूनियन आदि सहित 15 से अधिक यूनियनें शामिल हैं.


ये यूनियनें मुख्य रूप से ओला और उबर जैसी ऐप-आधारित कैब सेवाओं के प्रभाव का विरोध कर रही हैं. कैब-हेलिंग ऐप की लोकप्रियता ने दिल्ली-एनसीआर के ऑटो और टैक्सियों की कमाई में कटौती की है. साथ ही भारी कमीशन भी लगाया है.


प्रदर्शनकारी यूनियनों के नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस मुद्दे को हल करने में विफल रही हैं. टैक्सी यूनियन के नेताओं ने इस मामले में सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है.


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