Gurugram: अंतरराष्ट्रीय शंतरंज खिलाड़ी (International Chess Player) और फीडे मास्टर (FIDE Master) तनिष्का कोटिया (Tanishka Kotia) और उनकी बहन राधिका कोटिया (Radhika Kotia) को, गुरुग्राम (Gurugram) से केंद्र की "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" (Beti Bachao, Beti Padhao) योजना के लिये ब्रांड एम्बेसडर (Brand Ambassador) घोषित किया गया है. तनिष्का एसआरसीसी (SRCC) की छात्रा है, जबकि उसकी बहन सनसिटी स्कूल में पढ़ती है. लड़कियों के पिता अजीत कोटिया ने बताया कि, "यह परिवार के लिये गौरव का क्षण है."


उनकी मां निधि कोटिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, "उन्होंने हमारे सपनों को साकार किया है, और इस कहावत को चरितार्थ किया है कि, लड़कियां भी लड़कों की तरह ही निपुण हैं और उन्हें समान अवसरों की आवश्यकता है." हरियाणा प्रदेश शतरंज एसोसिएशन के सचिव नरेश शर्मा ने दोनों बहनों को बधाई देते हुये, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.


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कौन हैं तनिष्का कोटिया?
अंतरराष्ट्रीय शंतरंज खिलाड़ी और फीडे मास्टर तनिष्का कोटिया गुरुग्राम की रहने वाली है. तनिष्का कोटिया ने जुलाई में करीब एक महीने के लिए सर्बिया की यात्रा की थी, इस दौरान उन्हों ने पैरासिन, सिल्वर लेक और निस जैसे तीन ओपन टूर्नामेंट भाग लिया था. विश्व शतरंज महासंघ के जरिये 2019 में 
रैंक जारी की थी. जहां उन्होंने अंडर-16 केटेगरी में दूसरा स्थान हासिल किया था. 


इस दौरान तनिष्का कोटिया ने तीन बैक-टू-बैक विश्व ओपन टूर्नामेंट में 300 से अधिक अंक हासिल कर यह उपलब्धि हासिल की थी. तनिष्का कोटिया का शुमार एशिया के शतरंज के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार होता है. वह 3 साल की उम्र से शतरंज खेल रही है. हालिया दिनों में उनके नाम 50 से अधिक पदक जीतने का कारनामों को अंजाम दे चुकी हैं.


तनिष्का ने 2008 में सबसे कम उम्र की शतरंज खिलाड़ी होने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स भी जीता. उन्होंने 2014 में स्कॉटलैंड में राष्ट्रमंडल शतरंज चैंपियनशिप में रजत जीता और 2013 में आसियान शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने ब्राजील, थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, स्कॉटलैंड, चेक गणराज्य और फ्रांस में टूर्नामेंट भी खेले. 


तनिष्का कोटिया की तरह उनकी बहन भी एक उच्च स्तरीय शतरंज खिलाड़ी हैं. राधिका ने भी देश-विदेश में कई शतरंज टूर्नामेंट में भाग लेकर, शहर और देश का नाम रोशन किया है. वहीं केंद्र सरकार के जरिये दोनों बहनों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने से माता-पिता, रिश्तेदारों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.


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