दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम से हैरान करने वाला एक मामला सामने आया है, जिसमें मामा-भांजी ने मिल कर किडनैपिंग का प्रैंक कर घर वालों को सरप्राईज देने का प्लान बनाया. लेकिन उनका ये सरप्राईज का दांव उल्टा पड़ गया और पुलिस ने कथित आरोपी मामा को भांजी के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. जबकि परिजनों का कहना है कि बच्ची ने अपने मामा के साथ मिल कर अपने माता-पिता के साथ प्रैंक किया था.


बच्ची ने अपने बयान में प्रैंक करने की बात बताई


परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने केस न दर्ज करने की ऐवज में उनसे रुपए मांगे थे, जिसे देने से इंकार करने पर यह केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने आरोपी मामा को गिरफ्तार कर कोर्ट से एक दिन की रिमांड पर लिया है. इस मामले में एडवोकेट हेमंत शर्मा ने बताया कि बच्ची ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में अपने माता-पिता के साथ प्रैंक किए जाने की बात कही है. इस प्रैंक में उसके मामा भी शामिल थे. एडवोकेट हेमंत ने बताया कि जिस कथित किडनैपिंग के आरोप में पुलिस ने बच्ची के मामा को आरोपी बनाया है वह यूपीएसई का छात्र है और प्री एग्जाम क्लीयर कर चुका है.


आनन-फानन में पुलिस ने दर्ज किया मामला


बच्ची के पिता के वकील संदीप कौशिक ने भी इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि मामला दर्ज किए जाने से पहले ही शिकायतकर्ता ने पुलिस को प्रैंक किये जाने की बात बता दी थी, लेकिन पुलिस ने पैसे ऐंठने और वाहवाही लूटने के लिए आनन-फानन में केस दर्ज कर लिया और फिर इस मामले में बच्ची के मामा को गिरफ्तार कर लिया गया.


पुलिस के अनुसार फाजिलपुर से पकड़ा गया आरोपी


वहीं, इस मामले में पुलिस की थ्योरी परिजनों से बिल्कुल अलग है. पुलिस का कहना है कि, 16 जून को सेक्टर-10A थाना की पुलिस को दी गयी शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि सेक्टर-37डी से उसकी 12 वर्षीय बेटी का अपहरण हो गया. अपहरणकर्ता द्वारा वाट्सएप पर मैसेज करके 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई है. सूचना मिलते ही इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी. इसके लिए एसीपी पालम विहार नवीन कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई और केस दर्ज करने के चार घंटे में ही पुलिस ने आरोपी को फाजिलपुर स्थित एक पीजी से दबोच लिया और बच्ची आरोपी के कब्जे से छुड़ा लिया. आरोपी की पहचान धीरज के रूप में हुई है, जो बच्ची का मामा है.


वाट्सएप पर मैसेज कर मांगी 25 लाख की फिरौती


पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह बच्ची का मामा है और पिछले 5 दिन से वह अपने बहन-बहनोई के घर पर ही रह रहा था. उसने अपनी भांजी को कहा कि 16 जून को वो घूमने जाएंगे इसलिए शाम 6 बजे घर के बाहर आ जाना.उसने बच्ची से कहा कि ऐसा करके हम आपके मम्मी-पापा को सरप्राइज देंगे, इसलिए अपने मम्मी-पापा को मत बताना. मामा द्वारा बताए गए समय पर बच्ची घर से बाहर आ गयी, जिसे आरोपी ओला कैब से फाजिलपुर ले गया और वहां पर अपने एक दोस्त, जिससे उसने एक दिन के लिए पीजी लिया हुआ था, वहां रखा. वहां पहूंचने के बाद उसने वाट्सएप के माध्यम से अपने जीजा को फोन कर 25 लाख रुपए की मांग की. उसने रुपयों को बैग में भरकर गुरुग्राम रेल्वे स्टेशन पर रखने का निर्देश दिया था.


फोन की लोकेशन और गाड़ी की सीसीटीवी फुटेज से पकड़ा


पुलिस का कहना है कि, आरोपी के फोन तथा गाड़ी की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आरोपी का पता लगाया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कोविड के दौरान से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. उसने अपनी बहन और जीजा के घर रहते हुए जल्द अमीर बनने के लिए योजना तैयार की और अपनी ही भांजी का अपहरण कर लिया. फिरौती में मिलने वाली रकम से उसने ऐशो-आराम की जिंदगी जीने की योजना बनाई थी.


परिजनों का आरोप पुलिस ने धीरज को उनके घर से लिया हिरासत में


वहीं, परिजनों का कहना है कि, जब उन्हें उनकी बच्ची बेटी के लापता होने की सूचना मिली तो वो उसे ढूंढने लगे और इसकी सूचना पुलिस को भी दी. लेकिन जब तक पुलिस कोई कार्रवाई करनी शुरू करती, इससे पहले ही धीरज ने उन्हें फोन कर बेटी के उनके साथ होने व एक प्रैंक किए जाने की सूचना दे दी और यह भी बताया कि वह बेटी को लेकर वापस घर आ रहा है. लेकिन जैसे ही धीरज घर पहुंचा तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और थाने ले गई.


परिजनों का पुलिस पर केस न दर्ज करने की एवज में पैसे मांगने का आरोप


परिजनों का आरोप है कि, पुलिस ने इस मामले में केस न दर्ज करने की ऐवज में रुपयों की मांग की थी, जिसे देने से परिजनों ने इंकार कर दिया. इस पर पुलिस ने उन पर दबाव बनाने के लिए यह केस दर्ज किया है.


बहरहाल इस मामले में पुलिस अभी भी जांच में जुटी हुई है और जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.