Noida And Greater Noida News: उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के गैर शहरी क्षेत्रों (Non Urban Area) में रह रहे बुजुर्गों (Elderly Residents) को लेकर एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है. इस सर्वेक्षण (Survey) में दावा किया गया है कि नोए़डा-ग्रेटर नोएडा के 50 फीसदी बुजुर्गों को मधुमेह (Diabetes), रक्त चाप (Blood Pressure) और श्वसन तंत्र (Respiratory Problems) संबंधी क्रोनिक बीमारियों ने घेर रखा है. बुजुर्गों को लेकर यह सर्वेक्षण हेल्पएज इंडिया (HelpAge India) नाम के लाभ रहित (Not For Profit) गैर सरकारी संगठन (NGO)ने किया है.
संस्था ने साल भर में सर्वेक्षण की जानकारियां जुटाई हैं. सर्वेक्षण के डेटा के मुताबिक, इन इलाकों में कम आय समूह वाले बुजुर्ग कोरोना माहामारी (Corona Pandemic) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण बीमार हुए. जिनमें ज्यादातर ने सांस लेने संबंधी समस्या की शिकायत की जबकि ग्रामीण इलाकों में हाइपर टेंशन (Hyper Tension) और डिप्रेशन (Depression) के मामले दर्ज किए गए.
एक जून 2021 लेकर 31 मई 2022 तक जुटाए गए दो लाख बुजुर्गों के आंकड़े
संस्था ने दावा किया है दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा कि 70 कम आय वाले इलाकों से दो लाख बुजुर्गों के आंकड़े जुटाए गए हैं. यह सर्वेक्षण 1 जून 2021 लेकर 31 मई 2022 तक चला. 56 से 91 वर्ष उम्र वर्ग के बुजुर्गों का डेटा इकट्ठा किया गया. इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल किए गए.
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सर्वे में शामिल डॉक्टर ने यह कहा
डॉक्टर धीरेंद्र कुमार सक्सेना ने बताया, ''घुटनों और जोड़ों की समस्या, लंबे समय तक फेफड़ों में रुकावट, मधुमेह, त्वचा रोग और ब्लड प्रेशर ऐसी बीमारियां हैं जो लगातार बुजुर्गों को बीमार कर रही हैं. वरिष्ठ नागरिकों की आधी आबादी यानी लगभग 50 फीसदी बुजुर्ग इन क्रोनिक बीमारियों की शिकायत करते रहे हैं.'' एक बयान के मुताबिक, सक्सेना उस टीम का हिस्सा रहे, जिसने ग्राम पंचायतों और स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से 36 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया, जिसमें लगभग 96,000 वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सहायता दी गई.
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