Delhi NCR News: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का धरना जारी, इसलिए हो रहा आंदोलन
Greater Noida News: किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण अपने मनमानी रवैया के अनुसार कमेटी गठित करने के फैसले को वापस ले चुका है, जिसके बाद भारी संख्या में किसान और महिलाएं यहां इकट्ठा हैं.
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Delhi NCR News: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर पिछले 65 दिनों से किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. दरअसल ग्रेटर नोएडा के 40 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने प्राधिकरण के समक्ष अपनी मांग रखी थी जिस दौरान अनेक जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने किसानों से मुलाकात की थी.
प्राधिकरण द्वारा किसान संगठन से मुलाकात कर कमेटी गठित करने का लिखित आदेश भी दिया गया था, लेकिन किसानों का आरोप है कि एक बार फिर से प्राधिकरण अपने मनमानी रवैया के अनुसार कमेटी गठित करने के फैसले को वापस ले चुका है जिसके बाद भारी संख्या में किसान और महिलाएं आंदोलन करने के लिए प्राधिकरण पर इकट्ठा हैं.
'हमारी प्रमुख मांगों को किया गया अनदेखा'
अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में 65 दिनों से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन जारी है. प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि हम अपनी विरासत को बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं और यह हमारे पूर्वजों की संपत्ति है.
वर्मा ने आगे कहा कि 4 गुना सर्किल रेट मुआवजा, भूमिहीन किसानों के लिए भूमि, आबादी के लिए नीति बनवाना, परिवार के बच्चों के लिए रोजगार जैसी व्यवस्था को लेकर लगभग 65 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं. हमें बीते महीने प्राधिकरण द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया था कि एक कमेटी गठित की जाएगी जो सभी मांगों पर निर्णय लेगी. लेकिन लिखित आदेश के बाद भी इस कमेटी गठित के फैसले को वापस ले लिया गया है और इसीलिए हम 18 जुलाई से पुनः धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
'मुलाकात या आश्वासन नहीं अब निर्णय लिया जाए'
बातचीत के दौरान रुपेश वर्मा ने आगे कहा कि प्राधिकरण द्वारा 18 जुलाई को बातचीत के लिए बुलाया गया था लेकिन अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों ने फैसला लिया है कि अब कमेटी गठित के फैसले को लागू कर इस पर निर्णय लेने के बाद ही हम धरना प्रदर्शन को समाप्त करेंगे या प्राधिकरण के अधिकारी से बातचीत करेंगे. कड़ी धूप, गर्मी, भारी बारिश में भी हम किसान प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. और अब हम प्राधिकरण के मनमाने रवैया को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे.
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