Corona Cases in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में कोरोनावाइरस (Coronavirus) के मामले बढ़ने के साथ ही स्कूली बच्चों में संक्रमण तेजी से फैलने लगा है. अगर बात सिर्फ दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) की करें तो जिले में 134 बच्चे संक्रमित हो गए हैं. गाजियाबाद (Ghaziabad) के स्कूलों में भी बच्चे संक्रमित हुए हैं. वहीं देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में भी बच्चों में संक्रमण फैलने के मामले सामने आ रहे हैं. इसकी वजह से पैरेंट्स को अपने बच्चों की चिंता सताने लगी है. सवाल यह भी है कि आखिर बच्चों में कोरोना संक्रमण तेजी से क्यों फैल रहा है? क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले देश भर से कोरोना की तीसरी लहर खत्म हुई है.

 

ऐसे में क्या ये चौथी लहर है या इससे बच्चें ज्यादा प्रभावित होंगे, क्या वैक्सीनेशन भी संक्रमण की एक वजह हो सकती है? इन सवालों के जवाब के देते हुए एम्स के वैक्सीनेशन इंचार्ज डॉ. संजय राय ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि कोरोना के इन मामलों को चौथी लहर अभी नहीं कहा जा सकता है और रही बात बच्चों की तो उनमें संक्रमण का पता इसीलिए चल रहा है, क्योंकि स्कूल जाने की वजह से टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. इसलिए ये कहना कि स्कूल जाने से बच्चों को संक्रमण हो रहा है, यह उचित नहीं होगा.

 

बच्चें क्यों हो रहे हैं संक्रमित?

 

बच्चों के संक्रमित होने को लेकर डॉ. संजय राय ने बताया कि सबका फोकस सिर्फ इसपर है कि स्कूल खोल दिए गए हैं, इसीलिए बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन यह कहना बिल्कुल गलत है कि स्कूल खुलने से बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, क्योंकि इससे पहले आईसीएमआर के सीरो सर्वे में यह बात सामने आई थी कि अब तक 70 से 90 फीसदी बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों को पहले भी कोरोना का संक्रमण बड़े पैमाने पर हुआ था, लेकिन बच्चे घर में थे और उनकी जांच नहीं हो पा रही थी, इसीलिए यह बात सामने नहीं आ रही थी.

 

वैक्सीनेशन से कितना होगा बचाव?

 

कुछ ही महीने पहले देश में ओमिक्रॉन की वजह से तीसरी लहर सामने आई थी, जिसके बाद एक बार फिर से लोगों में संक्रमण फैलने लगा है. इस बीच सवाल यह है कि क्या बच्चों को कोरोना का संक्रमण इसीलिए हो रहा है, क्योंकि 12 से 14 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन 16 मार्च से शुरू हुआ है और उससे पहले 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण शुरू हुआ था. इस सवाल के जवाब में डॉ. संजय राय ने बताया कि सिर्फ वैक्सीनेशन नहीं होना संक्रमण फैलने की वजह नहीं हो सकती है. इसको समझने के लिए हमें उन देशों को देखना चाहिए जो इससे पहले 100% वैक्सीनेशन को प्राप्त कर चुके थे और बूस्टर डोज भी लग चुकी थी, लेकिन उन देशों में भी कोरोना ने फिर अपना कहर बरपा दिया.

 

उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सिर्फ 80 से 90 फीसदी मामलों में मौत को रोक सकता है, लेकिन संक्रमण फैलने से नहीं रोक सकता है. इसके साथ ही वैक्सीन से कुछ महीनों के लिए शरीर में इम्यूनिटी बनती है जो लंबे समय तक संक्रमण को रोक नहीं सकती है. ऐसे में यह कहना कि बच्चों को वैक्सीन लेट से लगना शुरू हुआ है, इसीलिए वह संक्रमित हो रहे हैं सही नहीं होगा. इसकी जगह हमें बच्चों को स्कूल या बाहर भेजते समय उन्हें कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करना सीखाना चाहिए.

 

गौतम बुद्ध नगर में कितना हुआ है वैक्सीनेशन?

 

देश भर में 16 मार्च से 12 से 14 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ था. बच्चों के वैक्सीनेशन की जानकारी देते हुए गौतम बुद्ध नगर के टीकाकरण इंचार्ज डॉ. सुनील दोहरे ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की कोशिश थी कि एक महीने में सभी बच्चों को वैक्सीन दे दी जाए, जिसमें उनका टारगेट 69 हजार बच्चे थे, लेकिन अभी 50 फीसदी बच्चों को ही टीकाकरण की पहली डोज मिली है, जिसे इस महीने के अंत तक खत्म करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए स्कूलों की मदद ली जा रही है, क्योंकि इस उम्र के सभी बच्चे स्कूलों में ही मिल सकते हैं.

 

मास्क हुआ अनिवार्य

 

उत्तर प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना के मामलों को देखते हुए 7 जिलों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. जिसमें दिल्ली से सटे जिले और राजधानी लखनऊ शामिल हैं. बीते दिन से गौतम बुद्ध नगर जिले में भी मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही जिले के डीएम सुहास एलवाई ने बताया कि अब हर संस्था में कोविड हेल्प डेस्क बनाया गया है और जनता से अपील है कि वो प्रशासन के दिशा-निर्देश का पालन करें. प्रशासन भी जो सावधानियां बरतनी हैं, उस पर जोर दे रहा है.

 

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