(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NCR की सोसाइटी को रिमाइंडर, प्रदूषण कम करने के लिए जेनेरेटर में लगाना होगा रेट्रो फिटेड डिवाइस
प्रदूषण कम करने के लिए यूपीपीसीबी ने सोसाइटियों को 30 सितंबर से पहले जनरेटर में रेट्रो फिटेड डिवाइस लगाने का रिमांइडर जारी किया है. ऐसा नहीं करने पर जनरेटर चलाने नहीं दिया जाएगा.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में सीएक्यूएम यानी कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट बनाई गई थी जो एनसीआर में प्रदूषण को कम करने का काम करती है. एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए अब यूपीपीसीबी ने एनसीआर की सोसाइटियों को 30 सितंबर से पहले अपनी सोसाइटी में इस्तेमाल होने वाले जेनेरेटर में रेट्रो फिटेड डिवाइस लगाने का रिमांइडर जारी किया है, जिससे प्रदूषण पर रोकथाम की जा सके.
कई सोसाइटी के जेनेरेटर में नहीं लगा रेट्रो फिटेड डिवाइस
दरअसल हर साल सर्दियों के महीने में दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. जिससे लोग बीमार पड़ने लगते हैं. प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग काफी काम कर रहा है और इसी काम के अंतर्गत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोसाइटियों में इस्तेमाल किए जाने वाले जेनेरेटर में रेट्रो फिटेड डिवाइस लगाने का आदेश दिया था. अब तक कई सारी ऐसी सोसाइटी हैं जहां जेनेरेटरों में यह रेट्रो फिटेड डिवाइस नहीं लगाया गया है. वहां अभी भी जेनेरेटर डीजल के सहारे ही चल रहे हैं, हालांकि कुछ जगह पर पीएनजी का इस्तेमाल किया जा था.
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क्यों जरूरी है रेट्रो फिटेड डिवाइस?
जेनेरेटर में यह रेट्रो फिटेड डिवाइस लगाने को लेकर यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भूषण यादव ने बताया कि प्रदूषण को कम करने के लिए एनसीआर की सोसाइटियों में पीएनजी और डीजल से चलने वाले जेनेरेटरों में आरईसीडी यानी रेट्रो फिटेड एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाना इंपोर्टेंट है. अगर सोसाइटी ऐसा नहीं करेगी तो उन्हें जेनेरेटर नहीं चलाने दिया जाएगा.
दो घंटे तक चला सकते हैं जेनेरेटर
यह डिवाइस लगाने के बाद वो दिन में 2 घंटे तक जेनेरेटर चला सकते हैं. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि सोसाइटियों में आज कल या तो पीएनजी से चलने वाले जेनेरेटर का इस्तेमाल होता है या हाइब्रिड जेनेरेटर, जो 70 फीसदी गैस और 30 फीसदी डीजल से चलते हैं. उनका इस्तेमाल करने के लिए यह डिवाइस बेहद जरूरी है क्योंकि इससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसलिए सभी सोसाइटियों को 30 सितंबर तक इसे लगाने का रिमाइंडर दे दिया गया है. अगर वो यह डिवाइस लगवा लेते हैं तभी वह दिन में 2 घंटे के लिए जेनरेटर का इस्तेमाल कर पाएंगे.
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