(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में आधे तालाब और जोहड़ हुए 'गुमशुदा', जलाशयों को बचाने के लिए अब यह है प्लान
Delhi Water Bodies: दिल्ली में जलाशयों की संख्या आधी रह गई है. दस्तावेजोें में जिन जलाशयों का जिक्र है वे जमीन पर नजर ही नहीं आते. ये जलाशय कहां गए यह हैरान करने वाला सवाल है?
Delhi News: दिल्ली के जलाशयों (Water Bodies) के आंकड़े को लेकर एक रिपोर्ट आई है जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि करीब 50 प्रतिशत जलाशय हकीकत में हैं ही नहीं यानी उनका अब अस्तित्व ही नहीं है. यह जानकारी दिल्ली सरकार के एक सर्व में सामने आई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये जलाशय या तो गायब हैं या फिर उनके ऊपर अतिक्रमण कर लिया गया है. बता दें कि पिछले दिनों एक खबर आई थी जिसमें बताया गया था कि कैसे बिहार में एक तालाब रातोंरात गायब हो गया. दरअसल भूमाफियाओं ने उसे रेत से भरकर समतल कर दिया था. हालांकि राजधानी दिल्ली में जलाशयों पर हुए अतिक्रमण से लोग भी हैरान हैं.
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में पेश की थी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार ने इसी साल अप्रैल में हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की थी जिसमें बताया गया था कि राजधानी में कुल 1367 जलाशय हैं जिनमें से झील और तालाब हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने ग्राउंड पर जाकर सर्वे करने कहा था. उसके बाद उसी महीने दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी ने और राजस्व विभाग ने सर्वे कराया. उन्होंने 1291 जलाशयों की जांच की हैं लेकिन इनमें से 656 ही अस्तित्व में हैं और 635 केवल रिकॉर्ड में मौजूद हैं.
पूर्वी दिल्ली की हालत सबसे खराब
क्षेत्रवार जलाशयों की बात करें तो दक्षिण-पश्चिम में 330 में से केवल 216 ही अस्तित्व में हैं जबकि उत्तरी दिल्ली में 249 में 135 मौजूद हैं. दक्षिणी दिल्ली में 190 में 78 का अस्तित्व है तो वहीं उत्तर-पश्चिम दिल्ली में 130 में 97 बचा हुआ है. पूर्वी दिल्ली की हालत बेहद खराब है क्योंकि यहां रिकॉर्ड में 50 जलाशय हैं लेकिन अस्तित्व में केवल छह ही हैं.
बाकी के जलाशयों पर जल्द पूरी होगी जांच
बताया जा रहा है कि बाकी के बचे हुए 76 जलाशयों को लेकर भी जांच चल रही है और कुछ महीने में पूरी हो जाएगी. जो जलाशय अस्तित्व में हैं उन्हें बरकरार रखने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. इस अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि वह हर 15 दिन में जलाशयों पर जाए और सुनिश्चित करे कि वह अच्छी स्थिति में है और उसपर कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है.
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