JNU: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने VC को लिखा शिकायत- पत्र, जानिए क्या है पूरा मामला
JNUTA: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने वाइंस-चांसलर को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर शिकायत दर्ज की है. जानिए क्यों नाराज हैं जेएनयू के टीचर्स.
JNU Teacher’s Write to VC Shantishree Dhulpudi Pandit: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के टीचर्स ने वाइंस-चांसलर शांतिश्री धूलपुडी पंडित (VC Shantishree Dhulpudi Pandit) को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करायी है. टीचर्स का कहना है कि जेएनयू (JNU) में फैकल्टी की नियुक्ति से लेकर रिसर्च स्कॉलर्स के चुनाव तक हर जगह भेदभाव किया जाता है. उनका दावा है कि लिंग के आधार पर होने वाले इस भेदभाव में महिलाओं को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता. फिर चाहे वो फैकल्टी के लिए सेलेक्शन हो या रिसर्च स्कॉलर के लिए कैंडिडेट्स का चयन. जवाहर लाल नेहरू टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) ने इस बाबत जेएनयू वीसी को पत्र लिखा है.
क्या कहते हैं आंकड़े –
अपना पक्ष रखते हुए जेएनयूटीए (JNUTA) ने कहा कि साल 2017 से 2020 के बीच केवल 17.7 प्रतिशत महिलाओं को फैकल्टी पद पर नियुक्ति दी गई. यही नहीं इसमें 14 प्रतिशत शेयर ओबीसी कैटेगरी के लिए रिजर्व था जबकि एससी और एसटी श्रेणी के लिए कोई रिजर्वेशन नहीं था.
दिन पर दिन कम हो रही है महिलाओं की भागीदारी -
एसोसिएशन ने ये भी दावा किया कि साल 2015-16 में वुमेन स्कॉलर्स का प्रतिशत 51 परसेंट था जो साल 2019-20 में घटकर 41 प्रतिशत रह गया. इस प्रकार देखा जा सकता है कि कैसे साल दर साल जेएनयू में महिला कैंडिडेट्स की नियुक्तियों का ग्राफ नीचे गिर रहा है.
क्या लिखा है पत्र में –
पत्र में इस बाबत शिकायत की गई है कि कैसे साल बीतने के साथ जेएनयू में फैकल्टी की नियुक्ति से लेकर रिसर्च स्कॉलर के चयन तक भेदभाव बरता जाता है. इससे महिलाओं की भागीदारी दिन पर दिन कम हो रही है. इस पर जेएनयू वीसी को समय रहते ध्यान देना चाहिए.
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