राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में अब एक जून की बजाय एक जुलाई 2023 से शिक्षकों की नई पोस्ट फिक्सेशन (PFC) यानी स्वीकृत पदों की संख्या लागू की जाएगी. शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के मुताबिक, नई पीएफसी एक अप्रैल को लागू होनी थी, बाद में इसे बढ़ाकर एक जून कर दिया गया था, लेकिन अब ये एक जुलाई से लागू की जाएगी. इसे लागू करने का ऑर्डर एक जून को जारी किया गया. वर्तमान में जो पीएफसी तैयार की गई है, उसमें बीते साल अक्टूबर महीने में छात्रों की हर स्कूल में कुल संख्या के आधार पर पदों का निर्धारण किया गया है. 


इसके तहत हर स्कूल में एक से दो शिक्षक अतिरिक्त हैं. उन्होंने कहा कि निदेशालय ने सभी अतिरिक्त पीजीटी, टीजीटी और अन्य (पुस्तकालय अध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक) शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी है. इसमें 740 टीजीटी, 649 पीजीटी और 236 अन्य नियमित शिक्षक अतिरिक्त हैं. ये शिक्षक अब अलग-अलग स्कूलों में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं. नई पीएफसी में शिक्षकों की पद बड़ी संख्या में घटने से शिक्षकों में तनाव बढ़ गया. सभी को नई पीएफसी से आपत्तियां थी. उनका कहना था कि स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन शिक्षकों की संख्या घट रही है. जिसका सीधा असर छात्र शिक्षक अनुपात पर पड़ेगा.  इसके बाद निदेशालय ने प्रिंसिपलों से इस संबंध में आपत्तियां मांगी थी.


गेस्ट टीचर की जॉब पर लटकी तलवार
इस नई पीएफसी को लेकर शिक्षकों में नौकरी को लेकर तनाव बना हुआ है. इसे लेकर ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने दावा किया कि, नई पीएफसी लागू होने के बाद दो से तीन हजार गेस्ट टीचर को नौकरी से निकाल दिया जाएगा. साथ ही पदों की संख्या कम होने पर 1,600 से अधिक नियमित शिक्षक भी अतिरिक्त कर दिए गए हैं. इन नियमित शिक्षकों का गेस्ट टीचरों की जगह ट्रांसफर किया जाएगा. ऐसे में ट्रांसफर से फिर से 1,600 से अधिक शिक्षकों को नौकरी से निकाला जाएगा.


छात्रों की संख्या बढ़ी, शिक्षकों की घटी
शिक्षा निदेशालय ने नई पीएफसी 2022-23 में 1,625 शिक्षक अतिरिक्त बताकर शिक्षकों के कुल पद कम कर दिए हैं. जबकि 2021-22 सत्र में मुकाबले सत्र 2022- 23 में छात्रों की संख्या अधिक थी. छात्रों की संख्या बढ़ने से शिक्षकों के कुल पदों की संख्या भी बढ़नी चाहिए थी. सितंबर 2022 तक दिल्ली के स्कूलों में कुल 18 लाख 1 हजार 345 छात्र रजिस्टर थे, जबकि इससे पहले साल 2021-22 में रजिस्टर छात्रों की संख्या 17.7 लाख थी. 


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