दक्षिण दिल्ली के सर्वोदय एन्क्लेव में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल सर्वोदय एनक्लेव में 7 सालों में 77 पेड़ गायब हो गए हैं. इसकी शिकायत दिल्ली फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को की गई है. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पेड़ों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि सड़कों के किनारें लगे ये पेड़ अचानक कहां गायब हो गए और आखिरकार किसने इन पेड़ों के गायब होने की शिकायत विभाग से की है.


पहले कितने पेड़ थे, अब कितने पेड़ हैं


दिल्ली वन विभाग में यह शिकायत की है पर्यावरण कार्यकर्ता भावरीन कंधारी ने. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि 2011-12 और 2018-19 में सर्वोदय एनक्लेव में पेड़ों की गणना में 77 पेड़ कम पाए गए. उन्होंने बताया कि 2012 में पेड़ों की गिनती के दौरान कुल पेड़ों की संख्या 787 थी. वहीं जब 2019 में जब पेड़ों की गिनती हुई तो वहां 731 पेड़ मिले. ऐसा तब हुआ जब 2012 से 2019 के बीच वहां 21 नए पेड़ भी लगाए गए थे. ऐसे में पेड़ों की कुल संख्या 808 होनी चाहिए थी, लेकिन मिले 731 पेड़ ही. यानी कि पिछले 7 सालों में सर्वोदय एनक्लेव से 77 पेड़ गायब हो गए. 


पेड़ों के गायब होने की जांच अब दिल्ली का वन विभाग कर रहा है. इसमें यह पता लगाया जाएगा कि यदि इन पेड़ों को हटाया गया तो किसके आदेश पर उन्हें हटाया गया? और यदि उन पेड़ों को काटा गया है तो किस वजह से? यदि वह पेड़ किसी आपदा (आंधी,तूफान,भूकंप) के कारण गिर गए तो उसके लिए भी जांच के आदेश दिए गए हैं.


पेड़ों का पता लगाने में ली जाएगी तकनीक की मदद


77 पेड़ों के गायब होने को लेकर दिल्ली वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से भी जवाब मांगा है. इसके साथ ही इन पेड़ों का पता लगाने के लिए विभाग स्थानीय लोगों से पूछताछ करेगा. तकनीकी सहायता से भी इन पेड़ों का पता लगाया जाएगा. इसमें 'गूगल एअर्थ प्रो' ऐप के जरिए पेड़ों की लोकेशन ढूंढी जाएगी. बता दें कि यह एक 3D ग्रैफिक्स एप्लीकेशन है जिस पर आप घर बैठे दुनिया की कोई भी जगह ग्राफिक्स की मदद से आसानी से देख सकते हैं. इतना ही नहीं इस एप्लीकेशन पर भौगोलिक कंटेंट भी मौजूद है. जिसका लाभ उठाते हुए विभाग पेड़ों का पता लगाएगा. विभाग के मुताबिक इस एप्लीकेशन पर साल 2005 से पेड़ों की लोकेशन मौजूद है, यहां तक की जहां जहां पर पेड़ लगे हुए हैं वहां वहां ग्राफिक्स के जरिए पेड़ों की तस्वीर इस एप्लीकशन पर मौजूद है.


विभाग ने बताया कि सर्वोदय एनक्लेव काफी बड़ा एरिया है. पूरे एरिया में लगाए गए पेड़ों की गिनती की जाएगी और फिर देखा जाएगा कि पेड़ों की कुल संख्या कितनी है, और जहां से पेड़ गायब हुए हैं वहां पर मौजूदा समय में क्या स्थिति है, क्या वहा कोई घर बना हुआ है या फिर अन्य कोई कंस्ट्रक्शन किया गया है, यदि ऐसा पाया जाता है तो इसको लेकर भी पूरी जांच की जाएगी. विभाग यह भी पता लगाएगा कि गायब हुए पेड़ों की क्या उम्र थी और वह किस प्रजाति के थे और कितने क्षेत्रफल में लगे हुए थे.


कंधारी ने 2019 में पेड़ों की गणना के बाद पेड़ों की संख्या कम पाए जाने पर दिसंबर 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीएफ (दक्षिण) और वन एवं वन्य जीव विभाग के दक्षिण प्रभाव के वृक्ष अधिकारी को तुरंत जांच के आदेश दिए थे. कंधारी ने अपनी याचिका में कहा गया था कि दिल्ली संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत पेड़ों की अवैध कटाई गैर कानूनी है. उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.