Delhi News: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर पुलिस द्वारा पिछले साल की तुलना में इस साल 80 प्रतिशत ज्यादा गिरफ्तारी की गई हैं. पुलिस का कहना है कि इस वर्ष मामले और उनके वर्कआउट प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है. 11 अगस्त तक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 के 336 की तुलना में इस साल 547 मामले दर्ज किए गए हैं. कुल मिलाकर, 370 मामलों का खुलासा किया गया और इस साल विभिन्न अपराधों में शामिल 490 लोगों को गिरफ्तार किया गया. गौरतलब है कि 2021 में 215 मामले सुलझाए गए और 272 लोगों को पकड़ा गया था.


IG एयरपोर्ट से ज्यादातर गिरफ्तारी दलालों, एजेंटों की हुई
पुलिस ने बताया कि आईजी एयरपोर्ट (IG Airport) से ज्यादातर गिरफ्तारियां दलालों, एजेंटों और फर्जी दस्तावेज रखने वाले यात्रियों की हुई हैं. पुलिस ने कहा, "हमने जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों में शामिल 99 दलालों और 73 एजेंटों को गिरफ्तार किया, जबकि 27 भगोड़े अपराधी पकड़े गए." इस वर्ष 150 से अधिक यात्रियों को या तो डिपोर्टेज किया गया था या उनके पास जाली डॉक्यूमेंट्स पाए गए.


इस साल IPC की धाराओं के तहत कितने मामले हुए दर्ज
पुलिस ने बताया कि इस साल आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 379 मामले दर्ज किए गए और 203 का समाधान किया गया. अन्य अधिनियमों के तहत, 168 मामले दर्ज किए गए और 167 हल किए गए. ज्यादातर मामले चोरी से जुड़े थे और 37 का समाधान कर दिया गया था. एक अधिकारी ने कहा कि कई चोरी आईजीआईए पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र से बाहर हुई. इन मामलों का विश्लेषण करने के बाद, उन्हें जांच के लिए संबंधित जिलों और अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर दिया गया.


2022 में जालसाजी के कितने मामले सामने आए
2022 में, जालसाजी के 85 मामले सामने आए, जिनमें से 83 का समाधान किया गया, जबकि पिछले साल 36 ऐसे मामले दर्ज किए गए और हल किए गए. आंकड़ों से पता चलता है कि दलाली के 83 मामले दर्ज किए गए और उनका समाधान किया गया. वहीं पिछले साल 15 मामले सामने आए थे. वहीं दलालों को रोकने के लिए पुलिस ने आईजीआईए हवाई अड्डे पर चलने वाली टैक्सी सेवाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए ब्रीफ किया गया कि ड्राइवर ड्यूटी के दौरान उचित वर्दी पहने और अपने अनुबंधों में निर्धारित शर्तों का पालन करें.


धोखाखड़ी के बारे में भी जागरूक कर रही पुलिस
धोखाधड़ी के 34 मामलों में से 29 का समाधान किया गया, जबकि पीपी अधिनियम के तहत 33 मामले इस वर्ष दर्ज किए गए और सभी का समाधान किया गया. जालसाजों ने विदेश भेजने या एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के बहाने लोगों से ठगी की. पुलिस ने कहा, "अपराधियों को गिरफ्तार करने के अलावा, हम इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में लोगों में जागरूकता भी पैदा करते हैं." वहीं आर्म्स एक्ट के तहत 48 मामले दर्ज किए गए और उनका समाधान किया गया. इनके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराध के पांच मामले दर्ज किए गए और तीन को सुलझा लिया गया.


IGIA डीसीपी तुन शर्मा ने क्या कहा?
वहीं डीसीपी (आईजीआईए) तनुशर्मा ने कहा कि उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं. “फर्जी दस्तावेजों पर लोगों को विदेश भेजने वाले इमिग्रेशन रैकेट का भंडाफोड़ करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था.मैंने 18 मई को कार्यभार संभाला था. तब से अब तक 30 से अधिक ऐसे एजेंटों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हमने महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ लगाए हैं.”


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