Delhi News: दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में की बढ़ोत्तरी, बीजेपी ने घोषणा को बताया वास्तविकता से परे
Delhi News: दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में इजाफा किया है. श्रम मंत्रालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी गई. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे वास्तविकता से परे बताया है.
Minimum Wage Increase On Delhi: दिल्ली (Delhi) सरकार के श्रम मंत्रालय (labor Ministry) ने कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर श्रमिकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. जिसमें मंत्री राज कुमार आनंद ने बताया कि श्रमियों के, कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल तीनों वर्गों के न्यूनतम मासिक वेतन में 600 से 800 रुपये तक का इजाफा किया गया है. वेतन में इस बढ़ोतरी का लाभ लिपिक और सुपरवाईजर वर्ग के कर्मियों को भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि इससे दिल्ली के 10 लाख से ज्यादा श्रमिकों को लाभ होगा.
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नहीं मिलता वेतन: प्रवीण शंकर कपूर
वहीं दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार के श्रमिकों के न्यूनतम मासिक वेतन में बढ़ोतरी को वास्तविकता से परे बताया है. इसे लेकर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, कागजों पर दिल्ली में भले ही सबसे श्रमिकों को देश मे सबसे ज्यादा न्यूनतम वेतन दर्शाया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि केजरीवाल सरकार भी अपने कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं देती है.
मजदूर बमुश्किल कमा पाते हैं 6 हजार रुपये महीन
उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार या एमसीडी कार्यालयों में सफाई कर्मचारियों से लेकर कार्यालय क्लर्कों तक विभिन्न प्रोफ़ाइल वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के रूप में काम करने वाले अधिकांश लोगों को निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है. सरकारी अनुबंध अपने आप में भर्ती करने वाली एजेंसियों को न्यूनतम वेतन से कम राशि देते हैं. उन्होंने एक गैर सरकारी संगठन वर्किंग पीपुल्स कोएलिशन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में निजी क्षेत्र के 95 प्रतिशत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है. इनमें से 45 प्रतिशत दिहाड़ी मजदूर बमुश्किल 6000 महीने कमा पाते हैं.
कपूर ने दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार श्रमिकों को उनके अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बारे में शिक्षित करने में पूरी तरह से विफल रही है. यही वजह है कि दिल्ली में 80 प्रतिशत कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं या सुरक्षा उपकरणों आदि का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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