Indian Politics News: कांग्रेस देश की सबसे पुरानी और आजादी की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी है. उसके बाद बतौर राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी (BJP) का विकास सबसे तीव्र ग्रति से हुआ. वर्तमान में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. इस बीच पिछले दस वर्षों में जहां कई पार्टियां अपना राष्ट्रीय पहचान खोने के कगार पर है तो आप (AAP) का उभार चौंकाने वाला है. आप सबसे कम समय में राष्ट्रीय पार्टी का तमगा हासिल करने वाली देश की दूसरी पार्टी है. 


केवल 10 साल में आप का इतना बड़ा विस्तार हो गया है कि वो कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. एक तरफ जहां अन्य विपक्षी पार्टियां एक राज्य तक में ही सीमित है वहीं आप का तेजी से विस्तार हो रहा है. अब आप कांग्रेस से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने का तमगा छीनने की दिशा में अग्रसर है. 
 
आप ऐसे बनी राष्ट्रीय पार्टी
साल 2011-12 में दिल्ली (Delhi) में अन्ना आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन  किया था. उस वक्त पार्टी को झाड़ू चुनाव चिह्न मिला. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 28 सीटें जीती और कांग्रेस (Congress) के सहयोग से सरकार बनाने में सफल हुई. इसके बाद पार्टी लगातार दिल्ली में 2015 और 2020 में चुनावी जीत दर्ज कर सरकार बनाने में सफल हुई। वर्तमान में 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में आप के 62 विधायक हैं. पार्टी का वोट 53.57% है. इसी तरह 117 सीटों वाली पंजाब में आप के 92 विधायक हैं. यहां पार्टी के पास 78.6% वोट है. 40 सीटों वाली गोवा असेंबली में आप के 2 विधायक और 6.77% वोट है. अब गुजरात में पार्टी को 12.85% वोट मिला, जबकि 5 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी जीत हासिल करने में सफल हुए. 


एमसीडी चुनाव में आप के 250 में 134 पार्षद जीते हैं.दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 की बात करें तो इस बार आम आदमी पार्टी का वोटशेयर 42.05 प्रतिशत है जो पिछली बार के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा है. वर्तमान में पार्टी के पास 10 राज्यसभा सांसद और 161 विधायक है. 2019 में पार्टी को लोकसभा की एक सीट यानि पंजाब की संगरूर पर जीत मिली थी. हालांकि, उपचुनाव में आप वहां से हार गई. 


आप की सियासी हैसियत 
बीजेपी के बाद कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. बीजेपी के अलावा कांग्रेस ही ऐसी एकलौती राष्ट्रीय पार्टी है जिसकी सरकार दो राज्यों यानी राजस्थान और छत्तीसगढ़  में है. इसके अलावा देशभर में उपस्थिति के लिहाज से कांग्रेस अभी भी आप से बहुत आगे है. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो 10 साल पहले यह अस्तित्व में आई थी. दिल्ली में तो मजबूत सरकार है, लेकिन जिन भी राज्यों में चुनाव लड़ रही है उसका वोट परसेंटेज बढ़ता ही जा रहा है. गुजरात, हिमाचल प्रदेश और एमसीडी चुनाव के बाद आप देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसने राष्ट्रीय पार्टी की हैसियत हासिल कर ली है. आप इसी स्पीड से आगे बढ़ती रही तो लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को पछाड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. 


किसे माना जाता है राष्ट्रीय पार्टी 
चुनाव आयोग द्वारा तय नियमों में पहला अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है. दूसरा यदि कोई दल 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है. इसका मतलब है कि 11 सीटें जीतना जरूरी है लेकिन ये सीटें सिर्फ एक राज्य से नहीं, अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए. तीसरा अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी माना जाता है. चौथा अगर कोई भी पार्टी इन तीनों शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.


इन्हें भी है राष्ट्रीय पार्टी होने का तमगा हासिल
बता दें कि कांग्रेस के अलावा अन्य राष्ट्रीय पार्टियों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी का नाम शामिल है. आप राष्ट्रीय पार्टी की शर्तों को पूरा करने वाली पार्टी बन गई है. एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई और बसपा तो अपनी राष्ट्रीय पार्टी का स्टेटस खोने की कगार पर हैं.


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