Delhi Poster Controversy : 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना. हिंदी है हम वतन है हिंदोस्तान हमारा' अल्लामा इकबाल का लिखा गया यह गीत सुनते ही हर भारतवासी को गर्व की अनुभूति होती है और होना भी चाहिए. दुनिया में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों के लोगों को अपनी संस्कृति और विरासत के साथ जीने का पूरा अधिकार है. लेकिन, बीते कुछ वर्षों से दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक बयान, घटनाएं और एक-दूसरे धर्म पर विवादित टिप्पणी सच्चे भारतीय लोगों को काफी चोट पहुंचाती है. 


अधिवक्ता ने चस्पा किया पोस्टर
कुछ ऐसा ही मामला देश की राजधानी दिल्ली के ब्रह्मपुरी क्षेत्र से सामने आया है. इसमें एक अधिवक्ता ने एक विशेष वर्ग को मकान न बेचने की चेतावनी दी है. दिल्ली-53 के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में अधिवक्ता प्रदीप शर्मा के नाम से यह विवादित पोस्टर चस्पा किया गया है. इसमें लिखा है कि "ब्रह्मपुरी क्षेत्र के सभी हिंदू मकान मालिकों को सूचित किया जाता है कि अपना मकान कोई भी मुसलमान को नहीं बेचेगा, बेचने के बाद गली निवासी रजिस्ट्री नहीं होने देंगे, जिसके लिए आगे वह स्वयं जिम्मेदार होगा, कोई भी सौदा भविष्य में हिंदू पार्टियों द्वारा किया जाएगा."


पहले भी देखे गए हैं ऐसे पोस्टर
इस पोस्टर के बारे में दिल्ली पुलिस की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. पोस्टर जारी करने वाला प्रदीप शर्मा नामक व्यक्ति भी संपर्क से दूर बताया जा रहा है. लेकिन इसको लेकर सोशल मीडिया पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की जमकर नाराजगी सामने आ रही है. उन्होंने इसे समाज व देश का माहौल बिगाड़ने की साजिश बताया है. दिल्ली पुलिस से भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वैसे इससे पहले भी राजधानी के अलावा देश के प्रमुख राज्यों में राजनीतिक लाभ और खुद को खबरों में बने रहने के लिए भी ऐसे विवादित पोस्टर देखे गए हैं.


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