DDA Developed Sanjay Van for Adventure Activities: साउथ दिल्ली स्थित संजय वन को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछले महीने इकोटूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का एलान किया था. वहीं डीडीए ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए फिर से काम शुरू कर दिया है. जिसके लिए वह इस महीन के अंत तक निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसको इकोटूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए आमंत्रित करेगा.
संजय वन को एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए विकसित करने की योजना
डीडीए के एक सीनियर अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि योजना प्राकृति आधारित (Nature Based) एडवेंचर एक्टिविटीज को बढ़ावा देने की योजना है. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, डीडीए के एक अधिकारी ने नाम बताने की शर्त पर बताया कि “सिर्फ एक फर्म थी जिसने इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई थी. हम योजना पर फिर से काम कर रहे हैं, जिससे हमें बेहतर प्रतिक्रिया मिल सके. अगले महीने हम इसके लिए फिर से EOI आमंत्रित करेंगे. हम इसके जरिये सिर्फ यह देखना चाहते हैं कि इस तरह के प्रोज़ेक्ट में फर्मों की दिलचस्पी जानने के लिए किया जा रहा है. उनकी प्रतिक्रिया के आद्झार पर हम एक विस्तृत निविदा (Detailed Tender) जारी करेंगे.
वहीं डीडीए के एक सीनियर अधिकारी ने फिर से तैयार की गई इस योजना के बारे में कहा, "इस परियोजना को इकोटूरिज्म हब के रूप में पेश नहीं किया जाएगा बल्कि हम मूल रूप से सी क्षेत्र में प्राकृति आधारित एडवेंचर एक्टिविटीज को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं. जहां हम इस तरह की एक्टिविटी को शामिल करने की योजना पर फिर से काम कर रहे हैं."
एडवेंचर एक्टिविटीज के तहत इन सुविधाओं को किया जायेगा विकसित
डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि, मनोरंजन और पर्यावरण जागरूकता के लिए वन क्षेत्र का उपयोग करने का विचार है. रॉक क्लाइम्बिंग, पैराग्लाइडिंग, एरियल ट्रेल्स (कैनोपी टूर, जिपलाइन, वैली क्रॉसिंग, बर्मा ब्रिज क्रॉसिंग), फॉरेस्ट सफारी, फॉरेस्ट लीजर साइकलिंग, कैंपिंग और पिकनिक एरिया, स्टार गेजिंग एक्टिविटीज, बर्ड वॉचिंग, गाइडेड नेचर टूर, फ्लोरा और फॉना जैस ऑब्जर्वेशन ट्रिप हैं, जिन्हें डीडीए ने पिछले साल सितंबर में अपने EOI दस्तावेज में प्रस्ताव के रूप में पेश किया था.
डीडीए के अधिकारियों के मुताबिक, मालिकाना हक़ रखने वाली एजेंसी ने कहा कि स्थानीय परंपराओं की स्थिरता के लिए यहां पर मेलों और त्योहारों का भी आयोजन किया जा सकता है. डीडीए के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'पिछले दस्तावेज में बताई गई ज्यादातर एक्टिविटी जस की तस बनी रहेंगी. हम केवल सिर्फ नई एक्टिविटी की खोज कर रहे हैं जिन्हें प्रोज़ेक्ट में शामिल किया जा सकता है. हम प्रोज़ेक्ट से रेवेन्यू मॉडल भी तलाश रहे हैं. वहीं अधिकारी ने आगे कहा, हो सकता है एक फर्म सभी एक्टिविटी के संचालन में दिलचस्पी न ले, इसलिए हम दूसरे की तलाश कर रहे हैं. इसे अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है."
गौरतलब हो कि संजय वन का रखरखाव डीडीए करता है, जो साउथ रिज का हिस्सा है. संजय वन 783 एकड़ में फैला है. मालिकाना हक रखने वाली एजेंसी इस पूरे इलाके के रखरखाव में शामिल रही है, जिसने 70 के दशक में साउथ रिज के एक हिस्से को विकसित किया था. जिसके तहत कुछ ऐसे जगहों को विकसित किया, जहां लोग अक्सर आते-जाते रहते हैं.
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