Delhi Doorstep Delivery Scheme: दिल्ली सरकार (Delhi Government) जल्द ही अपनी 'डोरस्टेप डिलीवरी' योजना में 50 और सेवाओं को शामिल करने जा रही है. अधिकारियों के अनुसार प्रशासनिक सुधार विभाग सरकार के दूसरे विभागों और एजेंसियों के परामर्श से डोरस्टेप डिलीवरी योजना (Doorstep Delivery Scheme) के तहत 50 और सेवाओं को जोड़ने का काम कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त सेवाओं की पहचान करने और उन्हें लोगों तक पहुंचाने के तौर-तरीकों पर काम चल रहा है.


ऐसे में 50 और सेवाएं अब दिल्ली के लोगों को घर बैठे मिलेंगी और कतार में नहीं लगना पड़ेगा. दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने नई सेवाओं की एक अस्थायी सूची बनाई है, जिसे डोरस्टेप डिलीवरी सुविधा में जोड़ा जा सकता है. हमारी टीमें उनमें से प्रत्येक को देख रही हैं और उन्हें ऑनलाइन लाने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर रही हैं. इसका उद्देश्य लोगों तक सभी संभव सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करना हैं.


वर्तमान में मिल रही हैं 100 सेवाओं की सुविधा


राजस्व, श्रम, खाद्य और आपूर्ति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक कल्याण और उद्योग कुछ ऐसे विभाग हैं, जिनकी शेष सेवाओं को सुविधा के तहत लाए जाने की संभावना है.
वर्तमान में लगभग 100 सेवाएं जैसे- आय, जाति और अधिवास प्रमाण पत्र जारी करना, सीवर, पानी और बिजली कनेक्शन, राजस्व, परिवहन, जल बोर्ड, समाज कल्याण और खाद्य और आपूर्ति सहित 14 सरकारी विभागों के राशन कार्ड, चालक लाइसेंस, दवा लाइसेंस और बस पास सेवाओं को डोरस्टेप डिलीवरी के तहत कवर किए जा रहे हैं.


सेवाओं की संख्या को 300 तक बढ़ाने का है लक्ष्य


इस साल की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि उसका इरादा डोरस्टेप सेवाओं की संख्या को 300 तक बढ़ाने का है, ताकि दिल्लीवासियों को किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ उठाने के लिए समय, पैसा और प्रयास बर्बाद न करना पड़े. यह योजना सितंबर 2018 में 40 सेवाओं के साथ शुरू की गई थी और चरण- II और III में प्रत्येक में 30 नए जोड़े गए थे. लगभग चार सालों में सरकार ने निवासियों को पांच लाख से अधिक दस्तावेज वितरित किए हैं.


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सेवा को बुक करने के लिए 1076 पर कर सकते हैं कॉल 


आवेदक किसी सेवा को बुक करने के लिए 1076 पर कॉल कर सकते हैं और सुविधाकर्ता का एक मोबाइल सहायक आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने के लिए उनके पास जाएगा, जिससे उन्हें सरकारी कार्यालयों की यात्रा करने की परेशानी से बचा जा सकेगा. अधिकारियों ने कहा कि सेवा में और सुधार करने के लिए दो नई जनशक्ति एजेंसियों- सीएससी ई-गवर्नेंस और कोर डॉक2 को इस साल की शुरुआत में काम पर रखा गया था, जबकि कोर डॉक2 पूर्वी दिल्ली में रहने वाली दिल्ली की लगभग 30% आबादी को पूरा करता है. वहीं सीएससी ई-गवर्नेंस शहर के बाकी हिस्सों को कवर करता है.


अधिकारी ने बताई ये बात


एक अधिकारी ने कहा कि दो नए विक्रेताओं ने हमें अपनी सेवाओं की दक्षता बढ़ाने में मदद की है. पिछले कुछ महीनों में कुछ परिचालन चुनौतियों का समाधान किया गया है. सुविधाकर्ताओं को पहले नेटवर्क की समस्याओं या तकनीकी गड़बड़ियों के कारण अपने हैंडहेल्ड उपकरणों पर ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करने के लिए परेशान होना पड़ता था, लेकिन अब वे संबंधित कागजात की हार्ड कॉपी ले जा सकते हैं और उन्हें ऐसे स्थान पर अपलोड कर सकते हैं, जहां बिना दिक्कत के इंटरनेट उपलब्ध हो.


आवेदनों का रखा जाता है रिकॉर्ड


परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सुविधाकर्ता अब केवल आवेदक के घर या कार्यालय में ऑफलाइन सॉफ्टवेयर में नाम, पता, आयु और आवश्यक सेवा जैसी मूलभूत जानकारी भरते हैं और शुल्क रसीद बनाते हैं. दस्तावेजों को अपलोड करना, जो बहुत समय लगता था, अब बैकएंड पर किया जाता है. सूत्रों ने कहा कि इससे बैकएंड टीम को दस्तावेजों की हार्ड कॉपी की फाइल बनाने और संबंधित विभाग को भेजने में मदद मिलती है, जहां सभी आवेदनों का उचित रिकॉर्ड रखा जाता है.


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