Delhi News: दिल्ली वन और वन्यजीव विभाग द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में बंदरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए तीन साल पहले शुरू की गई दूरबीन पद्धति से उनकी नसबंदी करने की योजना को वापस ले लिया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बंदरों के प्रजनन को रोकने के लिए गर्भनिरोधक टीका देने की योजना भी तबतक ठंडे बस्ते में रहेगी जबतक उसके प्रभाव और दीर्घकालिक असर का पुख्ता सबूत नहीं मिल जाए.


पकड़ने वालों को प्रशिक्षित करेंगे
अधिकारियों ने बताया कि विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की मदद से बंदरों की गणना करने और देहरादून स्थित संस्थान से बंदर पकड़ने वाले नगर निकाय के कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है. अधिकारी ने बताया कि यह फैसला पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में बंदरों की समस्या से निपटने के तरीकों को खोजने के लिए गठित प्रर्वतन समिति की बैठक में लिया गया जिसमें डब्ल्यूआईआई के विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया.


गर्भनिरोधक टीका का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं
उन्होंने बताया, ‘‘बंदरों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी पर चर्चा नहीं हुई. इस योजना को वापस ले लिया गया है. गर्भनिरोधक टीका लगाने का प्रस्ताव भी फिलहाल विचाराधीन नहीं है. हम नहीं जानते कि इसका इस जानवर की आबादी पर क्या असर हो सकता है. इसके बड़े पैमाने पर प्रभाव या सफलता को लेकर सबूत का अभाव है.’’


गौरतलब है कि पशु अधिकार कार्यकर्ता दिल्ली में बंदरों की नसंबदी का लगातार विरोध कर रहे थे और हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के आगरा की असफल कोशिश का हवाला दे रहे थे.


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