Delhi News: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau- NCRB)
शहरों में 2015 से 2020 के बीच लावारिस छोड़े गए शिशुओं की संख्या
- दिल्ली- 221
- इंदौर- 65
राज्यों में 2015 से 2020 के बीच लावारिस छोड़े गए शिशुओं की संख्या
- मध्य प्रदेश- 1168 मामले
- राजस्थान- 814 मामले
शिशुओं को लावारिस छोड़ने की ये है वजह
टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बताया कि, “शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मामले और कारण अलग-अलग हैं. शहरी क्षेत्रों में, वे सामाजिक-आर्थिक हो सकते हैं. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में, यह बालिकाओं का मुद्दा हो सकता है. जांच में इन मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है."
वहीं पुलिस की भाषा में, शिशुओं को लवारिस छोड़ने को तीन श्रेणियों के तहत पंजीकृत किया जाता है: शिशुहत्या, भ्रूण हत्या, और बच्चे को लावारिस छोडना. जांचकर्ताओं ने पाया है कि शिशु हत्या और भ्रूण हत्या की मुख्य वजह गरीबी है जबकि कन्या भ्रूण हत्या को आर्थिक स्थिति या अन्य कारणों में दहेज प्रथा के चलते की जाती है. इसके अलावा विकृत शिशु, अकाल, सहायता सेवाओं की कमी और प्रसवोत्तर अवसाद भी इन वजहों में शामिल हैं.
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