Delhi News: गैंगस्टर काला राणा और काला जत्थेदी को गिरफ्तार करेगी दिल्ली पुलिस, मकोका के तहत होगी कार्रवाई
Delhi News: दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि स्पेशल सेल को ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट स्थापित करने के किसी भी प्रयास को शुरू में ही रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.
Delhi News: उत्तर भारत (North India) में अंडरवर्ल्ड के खिलाफ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने मकोका (MACOCA) के तहत दो गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा (Virendra Pratap aka Kala Rana) और काला जत्थेदी (Kala Jathedi) को गिरफ्तार करने की मंजूरी दे दी है. वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा को मार्च में थाईलैंड से प्रत्यर्पित किया गया था, जबकि जठेदी को पिछले साल उत्तराखंड-यूपी सीमा से गिरफ्तार किया गया था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि स्पेशल सेल को ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट स्थापित करने के किसी भी प्रयास को शुरू में ही रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. यह कदम इन सिंडिकेट के वित्तीय बुनियादी ढांचे में एक बड़ा सेंध लगाएगा और अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई का रास्ता खोलेगा. सूत्रों ने कहा कि इस सिंडिकेट के एक दर्जन से अधिक सदस्यों का नाम मकोका प्राथमिकी में है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. पिछले कुछ सालों में राणा-जत्थेदी सिंडिकेट ने उत्तर भारतीय राज्यों में टॉप गैंग्स का गठबंधन बनाया था और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोग से काम कर रहा था.
इन राज्यों की पुलिस के लिए बन गया था सिरदर्द
यह दिल्ली, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड और पंजाब की पुलिस के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन गया था. टॉप गैंग्स गठबंधन ने गिरोहों के बीच निशानेबाजों, हथियारों, ठिकाने और वित्तीय बुनियादी ढांचे को साझा करने में सक्षम बनाया था. स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल की टीम ने दोनों के खिलाफ मकोका लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था. प्रस्ताव में सिंडिकेट के अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्तियां शामिल थीं. राणा को डीसीपी प्रमोद कुशवाहा की टीम ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था. जत्थेदी के खिलाफ पिछले साल प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया था.
काला राणा पर 50 से अधिक मामले दर्ज
बताया जा रहा है कि वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा गठबंधन का मुख्य वित्तीय अधिकारी था. वह हत्या, जबरन वसूली, धमकियों आदि की लगभग 50 प्राथमिकी में आरोपी है. राणा को एक मोबाइल फोन से जुड़े इंटरनेट डोंगल से ट्रैक किया गया था, जो पटाया शहर में स्थित था, जिसका उपयोग जबरन वसूली के लिए किया जाता था. 2019 की शुरुआत में जमानत पर छूट गया था और फर्जी पासपोर्ट पर थाईलैंड चला गया था. उसने बिश्नोई गिरोह के लिए काम करना शुरू किया और गोल्डी बराड़, राजू बसोदी और अन्य लोगों के ग्रुप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया था.
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