DU FYUP Syllabus: दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए सेशन 2022-23 से अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (UG Programme) चार वर्ष का होगा. इसका सिलेबस भी अगले महीने तक तैयार हो जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने विभिन्न विभागों के फैकल्टी के डीन को चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP) के पहले और दूसरे सेमेस्टर के लिए 10 जून तक सिलेबस जमा करने के लिए कहा है. दरअसल डीयू की योजना FYUP के पहले दो सेमेस्टर के लिए जुलाई तक सिलेबस को फाइनलाइज करने की है.
बता दें कि डीयू ने इससे पहले नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2022 और FYUP को 2022-23 शैक्षणिक सत्र से लागू करने की मंजूरी दी थी. विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) ने इस साल फरवरी में अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) का ड्राफ्ट पारित किया था. इसे 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए NEP के अनुसार तैयार किया गया है.
सिलेबस तैयार करने के लिए 10 जून तक की दी गई है डेडलाइन
डीयू के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया है कि, "हमने एफवाईयूपी के लिए सिलेबस तैयार करने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंट्स के फैकल्टी के डीन को 10 जून की समय सीमा दी है." उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों ने पहले ही अपना सिलेबस तैयार कर लिया है और उनमें से कई फाइनल स्टेज में हैं.
सिलेबस की प्रक्रिया जुलाई तक पूरी होने की उम्मीद
डीयू के जीन कॉलेजज बलराम पाणि ने कहा कि सिलेबस को कोर्स कमिटियों द्वारा तैयार किया जाता है. उन्होंने कहा, "कोर्स कमेटी में पांच प्रोफेसर होते हैं - दो विभाग से और तीन कॉलेज के प्रोफेसर. वे डिपार्टमेंट हेड को सिलेबस जमा करते हैं, जो फिर इसे फैकल्टी के के डीन को जमा किया जाता है. ”इसके बाद डीन सिलेबस को विश्वविद्यालय की स्टैंडिंग कमिटी को भेजते हैं जहां पर इस पर विस्तृत चर्चा की जाती है. वहां से मंजूरी मिलते ही सिलेबस पहले एकेडमिक काउंसिंल और फिर एग्जिक्यूटिव काउंसिल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है. ईसी से हरी झंडी मिलते ही सिलेबस फाइनल कर दिया जाता है. पाणि ने कहा कि जुलाई तक ये पूरी प्रक्रिया हो जाएगी.
2013 में भी FYUP लागू किया गया था
गौरतलब है कि डीयू ने इससे पहले 2013 में FYUP लागू किया था, लेकिन बाद में केंद्र द्वारा इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था. डीयू ने कहा कि इस बार, एफवाईयूपी पिछले वाले से अलग होगा. डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने पहले कहा था कि यह एक लचीला पाठ्यक्रम है, जिसमें कहा गया है कि यदि छात्रों को उन पाठ्यक्रमों में जाने की अनुमति दी जाती है जिनमें उनकी रुचि है, तो वे बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.
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