Delhi: मनीष सिसोदिया का LG पर बड़ा आरोप, बोले- '60 हजार शिक्षकों, लाखों बच्चों का किया अपमान... लगाए झूठे इल्जाम'
Delhi Politics: मनीष सिसोदिया ने कहा, 'इसके बावजूद जब दिल्ली के उपराज्यपाल राजनीतिक मंशा से लिखते हैं कि शिक्षा विभाग में कोई काम नहीं हुआ है तो लाखों बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों का अपमान है.'
Manish Sisodia on LG Vinai Saxena: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शनिवार को एक पत्र लिखकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) पर राष्ट्रीय राजधानी के शिक्षा विभाग के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है. मनीष सिसोदिया ने विजय सक्सेना को लिखे अपने पत्र में कहा, "शुक्रवार को आपके द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को जो पत्र लिखा गया था. पत्र में आपने दिल्ली के शिक्षा विभाग के कामकाज की आलोचना करते हुए जो आंकड़े दिए हैं, वे झूठे हैं. दिल्ली के 60 हजार शिक्षकों ने अपनी मेहनत से शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया है, वह आहत और अपमानित हैं."
रिपोर्ट के अनुसार, उपराज्यपाल ने शुक्रवार को केजरीवाल को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने शहर के शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. इसके जवाब में सिसोदिया ने कहा कि आपको अपने झूठे बयान से राष्ट्रीय राजधानी की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बदनाम नहीं करना चाहिए. डिप्टी सीएम ने पत्र में लिखा कि जैसे आपने बहुत गलत तथ्य लिखा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 16 लाख से घटकर 15 लाख रह गई है. जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2015-16 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 14,66,000 थी, जो अब बढ़कर 18 लाख हो गई है.
'साल 2015 में स्कूलों की हालत देख रो पड़ता था'
मनीष सिसोदिया ने आगे लिखा, 'आप शायद यह भी नहीं जानते होंगे कि साल 2015 में सरकारी स्कूल के नाम पर जर्जर कमरे ही हुआ करते थे, जिनमें ऊपर से पानी टपकता था. स्कूलों में पीने का पानी और साफ शौचालय होना तो दूर की बात थी. भवन के किसी कोने में जर्जर शौचालय और बदबू के कारण हमारे शिक्षकों और छात्रों को आठ घंटे नाक बंद करके स्कूल में रहना पड़ता था. साल 2015 में जब मैं स्कूल जाता था तो लगभग हर जगह यही नजारा देखता था और मेरा दिल रो पड़ता था, हमें गर्व है कि हमारे कार्यकाल में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदली है.'
'लाखों बच्चों और माता-पिता का अपमान'
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'इतना सब होने के बावजूद जब दिल्ली के उपराज्यपाल अपने पत्र में राजनीतिक मंशा से लिखते हैं कि शिक्षा विभाग में कोई काम नहीं हुआ है तो यह लाखों बच्चों, उनके माता-पिता और शिक्षकों का अपमान है.'
'...तो उपराज्यपाल के पद पर बैठकर ऐसा काम करना शोभा नहीं देता'
उपमुख्यमंत्री ने अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप के दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास में जाने को भी रेखांकित किया और कहा है कि स्कूलों में सुधार की गूंज व्हाइट हाउस में सुनाई दी है, लेकिन उन्हें बदनाम करने के लिए जब दिल्ली के उपराज्यपाल झूठे तथ्यों का सहारा लेकर पत्र लिखते हैं तो उपराज्यपाल के पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा करना शोभा नहीं देता.
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