Delhi News: योग करने से मिर्गी के दौरे में आई कमी, एम्स की रिसर्च में हुआ खुलासा
AIIMS Research: मिर्गी के मरीज अगर दवाओं के साथ योग क्रियाओं को करते हैं तो उससे न केवल मिर्गी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, बल्कि योगाभ्यास से दौरे की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है.
Delhi News: मस्तिष्क से संबंधित कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिन्हें लेकर मरीज और उसके परिजन काफी परेशान रहते हैं. लंबे उपचार के बावजूद उन रोगों से लोग पूरी तरह से उबर नहीं पाते हैं. हालांकि, मस्तिष्क से संबंधित कई मुश्किल बीमारियों में योग से बहुत फायदा होता देखा गया है, जिनमें मिर्गी (Epilepsy) भी शामिल है. मिर्गी के मरीज अगर दवाओं के साथ योग क्रियाओं को करते हैं तो उससे न केवल मिर्गी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, बल्कि योगाभ्यास से दौरे की संभावना भी काफी हद तक कम हो जाती है. इसका खुलासा एम्स में इस बीमारी पर किये गए अध्ययन से हुआ है. एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में पीएचडी कर रही डॉ किरनदीप कौर ने मिर्गी बीमारी के शिकार मरीजों पर इस अध्ययन को किया था.
मिर्गी की बीमारी के शिकार 160 मरीजों पर किया अध्ययन
एम्स में 160 मरीजों पर किये गए इस अध्ययन को अमेरिका के जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है. इस अध्ययन को सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन विभाग के साथ मिलकर किया गया है. एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की हेड डॉ मंजरी त्रिपाठी के मुताबिक दुनिया में ये पहला अध्ययन है जो मिर्गी के कई मरीजों को योग और योग जैसे सामान्य व्यायाम करवा कर अंतर को सिद्ध किया गया है.
छह महीने तक किए गए अध्ययन में हुए ये खुलासे
एम्स ने जिन 160 मरीजों को अध्ययन में शामिल किया उनमें से 80 मरीजों को योगासन करवाए गए, जबकि बाकी 80 मरीज कंट्रोल ग्रुप में शामिल थे जिन्हें शाम योग यानी योग जैसी लगने वाली कसरत करवाई गई. इन मरीजों को योग के अहम हिस्से जैसे सांस की गति और सांस लेने और छोड़ने के बारे में जानकारी नहीं दी गई. 6 महीने तक चले इस अध्ययन के नतीजों से डॉक्टर भी हैरान हो गए. जो लोग सही तरीके से ब्रीदिंग एक्सरसाइज यानी सांस लेने, छोड़ने और रोकने जैसे कारकों के साथ योग क्रियाएं कर रहे थे उन्हें बाकी मरीजों के मुकाबले 7 गुना ज्यादा फायदा हुआ.
3 महीने के बाद मरीजों में तनाव और बेचैनी हुई कम
स्टडी के दौरान सभी मरीजों को हफ्ते में 5 दिन 45 से 60 मिनट तक योगासन करवाए गए. कुल 7 सेशन योग गुरु की निगरानी में करवाये गए. बाकी दिन मरीजों को योगासन करने के लिए बुलाया गया. योग क्रियाओं में इन मरीजों को सूक्ष्म व्यायाम, प्राणायाम और ध्यान यानी मेडिटेशन करवाया गया. कुल योग का 50 प्रतिशत हिस्सा मेडिटेशन था. 3 महीने के बाद मिर्गी के मरीजों में तनाव और बेचैनी काफी कम हो गई. जिसका नतीजा ये हुआ कि उनके मिर्गी के दौरों में भी कमी आई. कई मरीजों के दौरे 7 गुना तक घट गए. सभी मरीजों की मिर्गी के दौरे रोकने की दवाएं लगातार चलती रही. इन सभी को आगे भी लगातार योग करते रहने की सलाह दी गई है.
योग से पाया जा सकता है नियंत्रण
भारत में मिर्गी की बीमारी के मरीजों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है. इन मरीजों को पढ़ाई, नौकरी से लेकर सामाजिक जीवन में बहिष्कार का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी में दिमाग के न्यूरॉन्स में ज्यादा करंट से मरीज को दौरे पड़ने लगते है, उसका शरीर से कंट्रोल खत्म हो जाता है और वो कई बार बेहोश हो जाते हैं. इस बीमारी का इलाज तो नहीं है लेकिन लगातार दवाओं और योग से मरीज इस बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं. एम्स के डॉक्टर अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि, क्या मिर्गी के मरीज को पूरी तरह दौरों से मुक्त किया जा सकता है?
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